ब्रिक्स : डोकलाम विवाद के बाद पहली बार आमने-सामने होंगे मोदी-जिनपिंग
नई दिल्ली – चीन में जारी 9वें ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) सम्मेलन का आज आखिरी दिन है। सम्मेलन शुरू होने से पहले चीन ने कहा था कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर जिक्र नहीं होगा, लेकिन पीएम मोदी के सामने चीन की एक ना चली। पीएम मोदी ब्रिक्स के दौरान सभी देशों के प्रतिनिधियों से अपनी बात मनवाने में सफल रहे। भारत को सबसे बड़ी कूटनीतिक जीत ब्रिक्स घोषणापत्र में पाकिस्तान समर्थित आतंदवाद कि निंदा के रुप में मिली है। Narendra modi to meet xi jinping.
शी चिनफिंग से आज मिलेंगे पीएम नरेंद्र मोदी
डोकलाम विवाद के खत्म होने के बाद पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग कि मुलाकात होगी। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक मोदी मंगलवार शी चिनपिंग से दिन में 12:30 बजे मिलेंगे। आपको बता दें कि पीएम इसके बाद सीधे म्यांमा के दौरे पर चल जाएंगे। मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए वो रविवार को पहुंचे थे। हालांकि, सोमवार को ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक दुसरे से गर्मजोशी से हाथ मिलाया था।
पाक को घेरने में कामयाब रहे मोदी
अंतराष्ट्रीय मंच पर सभी देशों ने एक साथ पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर एकजुटता दिखाई है। ब्रिक्स घोषणापत्र में पाकिस्तान में रखकर भारत में आतंक फैलाने वाले आतंकवादी संगठन लश्कर, हक्कानी नेटवर्क, जैश-ए-मोहम्मद की निंदा की गई है। ब्रिक्स का यह घोषणापत्र दरअसल पाकिस्तान के लिए एक जबरदस्त झटका है। आपको बता दें कि ये सारे आतंकी संगठन पाकिस्तान से ही संचालित होते हैं और ब्रिक्स जैसे अंतराष्ट्रीय मंच पर इस तरह कि बात उठना पाकिस्तान के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाला है।
घोषणापत्र से पड़ेगा चीन और पाक पर दबाव
यह घोषणापत्र भारत और पीएम मोदी के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। इसके जरिए भारत में आतंक फैलाने वाले पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्दाफाश हो सकेगा। हालांकि, घोषणापत्र में पाकिस्तान का सीधे तौर पर जिक्र नहीं है। पीएम मोदी के लिए यह भी काफी अहम बात है कि भारत चीन में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों को शामिल करवाने में कामयाब रहा है। इस बात से न केवल पाकिस्तान पर बल्कि चीन पर दबाव पड़ा है।