बीजेपी के नेशनल स्पीकर संबित पात्रा आए दिन सुर्खियों का हिस्सा बनते रहते हैं। वे अक्सर विपक्ष पर हमला करने और अपने बेबाक बयान देने के लिए जाने जाते हैं। लेकिन इन दिनों वे एक अलग और अनोखे कारण के चलते चर्चा में हैं। उनका एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह बहादुरी से दहकते अंगारों पर चलते नजर आ रहे हैं। यह वीडियो पात्रा ने खुद अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर साझा किया है। इसमें उन्होंने अपने दहकते अंगारों पर चलने की वजह भी बताई है।
जलते कोयलों पर चले संबित पात्रा
दरअसल भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा बीते मंगलवार (11 अप्रैल) ओडिशा के पुरी जिले में झामू जात्रा की पूजा में शामिल हुए। यहां देवी पूजा के दौरान वे जलते कोयले पर चले। ऐसा उन्होंने यहां की लोकल परंपरा के चलते किया। इस दौरान उन्होंने अपना एक वीडियो भी बनाया। इस वीडियो को उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा करते हुए इस अद्भुत पल के बारे में डिटेल में बताया।
पात्रा ने अपने ट्वीट में लिखा “शक्ति पूजा हमारी सनातन संस्कृति एवं परंपरा का अहम हिस्सा है, पुरी जिले के समंग पंचायत के रेबती रमण गांव में आयोजित यह दण्ड और झामू यात्रा इसी प्राचीन परंपरा का प्रतीक है। इस तीर्थयात्रा में अग्नि पर चलकर मां की पूजा-अर्चना एवं आशीर्वाद प्राप्त कर, खुद को धन्य अनुभव कर रहा हूँ।”
नहीं लगा डर, दिखी फुल भक्ति
पात्रा ने आगे कहा कि वह लोगों के कल्याण और क्षेत्र में शांति के लिए आग पर चले। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे पात्रा बिना किसी डर और भक्तिभाव के साथ जलते कोयलों पर चल रहे हैं। इसके बाद वह वहां मौजूद लोगों का आशीर्वाद भी लेते हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने इस दौरान झड़ेश्वरी माता के दर्शन भी किए।
यहां देखें वीडियो
शक्ति पूजा हमारी सनातन संस्कृति एवं परंपरा का अहम हिस्सा है, पुरी जिले के समंग पंचायत के रेबती रमण गांव में आयोजित यह दण्ड और झामू यात्रा इसी प्राचीन परंपरा का प्रतीक है।
इस तीर्थयात्रा में अग्नि पर चलकर मां की पूजा-अर्चना एवं आशीर्वाद प्राप्त कर, खुद को धन्य अनुभव कर रहा हूँ।… pic.twitter.com/oTciqW61Gj
— Sambit Patra (@sambitswaraj) April 11, 2023
यहां की परंपरा के मुताबिक झामू जात्रा एक तपस्या की तरह है। यहां आने वाले भक्त देवी मां को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं ताकि उनकी मनोकामनाएं पूर्ण हो सके। यह झामू जात्रा बैशाख महीने में मनाई जाती है। इसकी समाप्ति पाणा संक्रांति के दिन होती है। यह उड़िया लोगों का नववर्ष भी माना जाता है। इस दिन यहां के रहवासी शिवजी और बजरंगबली के मंदिर में जाकर दर्शन करते हैं। इसके बाद नदियों में स्नान भी किया जाता है। इस दौरान लोग देवी देवताओं को खुश करने के लिए पारंपरिक नृत्य भी करते हैं।