पेट में बच्चा, कंधों पर जॉब की जिम्मेदारी, फिर भी नहीं मानी हार, क्रैक की UPSC बनी IAS
यूपीएससी की की एग्जाम को देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इसमें हर साल करोड़ों लोग शामिल होते हैं, लेकिन चुने सिर्फ कुछ खास लोग जाते हैं। लेकिन सवाल ये उठता है कि इन खास लोगों को कौन सी चीज खास बनाती है? ये अपनी तैयारी में ऐसा क्या करते हैं कि इनका सिलेक्शन हो जाता है। इसका जवाब जानने के लिए आपको इंटरनेट पर मौजूद आईएएस (IAS) और आईपीएस (IPS) अधिकारियों की सफलता की कहानियां पढ़नी होगी। आज हम आपके लिए ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी लेकर आए हैं।
प्रेग्नेंसी और जॉब के साथ क्रैक की UPSC
इनसे मिलिए, ये हैं आईएएस पद्मिनी नारायण (IAS Padmini Narayan)। पद्मिनी ने UPSC CSE 2019 क्रैक की थी। इसमें उनकी 152वीं रैंक आई थी। यह उनका दूसरा प्रयास था। इसके बाद उन्हें आईएएस की उपाधि मिली। खास बात ये रही कि जब वह UPSC की तैयरी कर रही थी तब जॉब भी करती थी और प्रेग्नेंट भी थी। इन दोनों स्थितियों के बावजूद वह UPSC क्लियर करने में कामयाब रहीं। लेकिन उन्होंने ऐसा कैसे किया? चलिए उनकी सक्सेस स्टोरी (IAS Padmini Narayan Success Story) जानते हैं।
पद्मिनी ने शुरुआती पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरके पुरम से की। फिर साल 2010 में उन्होंने गुरु गोबिन सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया। पोस्ट ग्रेजुएशन उन्होंने साल 2011-2013 के दौरान गुरुग्राम के मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट से किया। कुछ सालों बाद उनकी पर्यटन मंत्रालय में जॉब लग गई। इसके साथ ही वह गर्भवती भी हो गई। अब इसी वर्ष उन्होंने UPSC की तैयारी भी शुरू कर दी। वह अपनी जॉब और प्रेग्नेंसी के साथ UPSC की पढ़ाई भी करने लगी। असली चुनौती इन सभी में पेरफेक्ट तालमेल बैठाना था जिसमें वह सफल रहीं।
पढ़ाई के लिए अपनाई ऐसी रणनीति
एक इंटरव्यू में पद्मिनी ने अपनी यूपीएससी की तैयारी की टेक्नीक शेयर की थी। उन्होंने बताया कि जब पहले प्रयास में मैं असफल हुई तो मैंने अपनी रणनीति और संसाधन बदल दिए। मैं हर सब्जेक्ट के लिए अब बस एक ही बुक से पढ़ने लगी। जब उन्हें लगा कि उनकी तैयारी अच्छे से हो गई तो उन्होंने अभ्यास के लिए मॉक टेस्ट देना स्टार्ट किए। पद्मिनी बताती हैं कि एग्जाम की तैयारी के लिए आपको उत्तर लिखने की प्रैक्टिस जरूर करना चाहिए। ये काफी अहम है।
पद्मिनी बताती हैं कि मैं रोज पढ़ाई शुरू करने से पहले दिनभर के टॉपिक सेट कर लेती थी। फिर समय-समय पर इन्हें पढ़कर रात तक खत्म कर देती थी। वहीं रोजमर्रा की घटनाओं को लेकर अपडेट रहने के लिए न्यूज पेपर पढ़ती थी। इसे पढ़ने का समय नहीं होता था तो घर से ऑफिस के बीच जाते समय रास्ते में इस पर नजर दौड़ाती थी।
प्रेग्नेंसी का भी रखा ध्यान
पद्मिनी आगे कहती हैं तब में गर्भवती थी इसलिए मैं अपनी प्रेग्नेंसी का भी ध्यान रखती थी। अपनी हेल्थ को मैन्टेन कर के रखती थी। रोज पढ़ाई के बीच 25-30 मिनट का ब्रेक लेती थी। अपने खाने पीने का विशेष ध्यान रखती थी। पद्मिनी के अनुसार यदि आप अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए जरूरी कोशिशें ईमानदारी से करेंगे तो आपको सफलता का स्वाद चखने से कोई नहीं रोक सकता है।