पुनीत राजकुमार की आखिरी झलक पाने जुटे थे लाखों फैंस, 26 अनाथाश्रम, 46 फ्री स्कूल चलाते थे एक्टर
कन्नड़ सुपरस्टार पुनीत राजकुमार 29 अक्टूबर 2021 को हमेशा हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह कर चले गए थे। पुनीत राजकुमार की मृत्यु हार्ट अटैक की वजह से हुई थी। जैसे ही सुपरस्टार की मृत्यु की खबर फैली तो सरकार ने पूरे बेंगलुरु शहर में धारा 144 लगा दी थी और शराब की बिक्री पर 2 दिन के लिए रोक दी थी। पुनीत राजकुमार के प्रशंसक उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में जमा हो गए।
इतना ही नहीं बल्कि सुपरस्टार पुनीत राजकुमार की मृत्यु से 10 फैंस की जान भी चली गई थी। कोई हार्ट अटैक से मर गया, तो किसी ने सुसाइड किया। अगर आज पुनीत राजकुमार इस दुनिया में रहते, तो वह अपना 49वां जन्मदिन मना रहे होते। आज हम आपको पुनीत राजकुमार की जिंदगी और फैंस की दीवानगी से जुड़े हुए कुछ दिलचस्प किस्से बताने जा रहे हैं।
महज 6 महीने की उम्र में ही बड़े पर्दे पर नजर आए
17 मार्च 1975 को सुपरस्टार डॉ. राजकुमार और निर्माता पर्वतम्मा राजकुमार के घर जन्मे पुनीत राजकुमार पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। पुनीत राजकुमार ने अपने करियर की शुरुआत बहुत छोटी उम्र से ही कर दी थी। उन्होंने कई फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर काम किया था। जब पुनीत राजकुमार की उम्र 6 महीने की थी तब वह फिल्म प्रेमदा कनिके में दिखे थे। नन्हे से पुनीत अपनी बहन पूर्णिमा के साथ फिल्म के सेट पर आया करते थे। यही वजह थी कि उनका मन फिल्मों में लग गया, जिसके चलते उन्होंने कम उम्र में ही स्कूल छोड़ दिया था।
लेकिन बाद में उन्होंने अपनी पढ़ाई होम ट्यूटर की मदद से की थी। पुनीत राजकुमार ने कंप्यूटर साइंस में डिप्लोमा हासिल किया था। जब पुनीत राजकुमार की उम्र 10 वर्ष की थी, तब उन्हें फिल्म “Bettada Hoovu” के लिए नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया था। साथ ही बेस्ट कन्नड़ फिल्म का नेशनल अवॉर्ड, 3 फिल्म फेयर अवॉर्ड और दो कर्नाटक स्टेट फिल्म अवॉर्ड भी मिला था।
सिंगर और टीवी प्रेजेंटर भी रहे थे पुनीत राजकुमार
आपको बता दें कि पुनीत राजकुमार एक बेहतरीन अभिनेता ही नहीं बल्कि सिंगर और टीवी प्रेजेंटर भी रहे थे। उन्होंने फिल्म आकस्मिक में कॉस्ट्यूम भी डिजाइन किया था। वह स्टेडीकैम के जानकार भी थे। वह फिल्मों के लिए नए ब्रांड के कैमरों और हाई डेफिनेशन लेंसों के बारे में सीखना बहुत पसंद करते थे। पुनीत राजकुमार दो टीवी शोज भी प्रोड्यूस कर चुके हैं।
पुनीत राजकुमार थे कई ब्रांड एंडोर्समेंट का हिस्सा
आपको बता दें कि पुनीत राजकुमार कई ब्रांड एंडोर्समेंट का हिस्सा भी थे। वह एफस्क्वायर, मालाबार गोल्ड, मनप्पुरम के ब्रांड एंबेसडर थे। इसके साथ ही वह अपने राज्य कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के लिए “नंदिनी” के भी ब्रांड एंबेसडर थे। इसके लिए उन्होंने कोई भी फीस नहीं ली थी। इतना ही नहीं बल्कि आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए वह ब्रांड एंबेसडर 2008 और 2009 में थे।
साल 2000 में वीरप्पन ने किया था पुनीत के पिता का अपहरण
पुनीत के पिता राजकुमार इंडस्ट्री के बड़े नाम थे। उन्हें कन्नड़ सिनेमा का आइकन माना जाता था। वो पहले ऐसे कन्नड़ इंडस्ट्री के अभिनेता थे जिन्हें दादा साहब फाल्के अवॉर्ड मिला था। शायद ही कम लोगों को इस बात का पता होगा कि चंदन तस्कर वीरप्पन ने पुनीत के पिता राजकुमार का साल 2000 में अपहरण कर लिया था। जब यह घटना हुई थी तो उसके बाद पूरे राज्य में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी।
सरकार ने भी राजकुमार को छुड़ाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। करीब 108 दिन के बाद सरकार और वीरप्पन के बीच सहमति बन गई थी और फिर राजकुमार को सकुशल वहां से छोड़ दिया गया था। आपको बता दें कि पुनीत के पिता राजकुमार ने 1994 में अपनी आंखें दान करने का फैसला किया था। वो साल 2006 में हार्ट अटैक के कारण इस दुनिया को अलविदा कह गए थे।
सैंडलवुड के ऐसे एक्टर जिनकी 14 फिल्में 100 दिनों तक चली थी थिएटर में
पुनीत राजकुमार सैंडलवुड के एक ऐसे अभिनेता थे, जिनकी एक बार 14 फिल्में लगातार कम से कम 100 दिनों तक सिनेमाघरों में बनी रही। पुनीत राजकुमार कन्नड़ सिनेमा के सबसे ज्यादा महंगे एक्टर्स की लिस्ट में शामिल थे। वह एक फिल्म के लिए दो-तीन करोड़ रुपए फीस लेते थे। वहीं ब्रांड एंडोर्समेंट के लिए 1 करोड़ रुपए चार्ज करते थे।
कठिन समय में लोगों की मदद के लिए आगे आए थे पुनीत राजकुमार
आपको बता दें कि पुनीत राजकुमार एक बेहतरीन अभिनेता तो थे ही इसके साथ ही वह एक दरियादिल इंसान भी थे। जब साल 2019 में उत्तरी कर्नाटक में बाढ़ आई हुई थी, तो पुनीत राजकुमार इस कठिन वक्त में लोगों की मदद के लिए आगे आए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री सहायता कोष में 5 लाख डोनेट किए थे। इतना ही नहीं बल्कि कोरोना महामारी में पुनीत ने कर्नाटक सरकार के रिलीफ फंड में 50 लाख रुपए का दान भी किया था।
इतना ही नहीं बल्कि पुनीत राजकुमार 46 फ्री स्कूल, 26 अनाथ आश्रम, 16 वृद्धा आश्रम और 19 गौशाला भी चलाते थे। इसके अलावा कई कन्नड़ भाषी स्कूलों को आर्थिक सहायता भी दिया करते थे। पुनीत राजकुमार के द्वारा किए जा रहे इन सभी नेक कामों में उनकी मां भी पूरा सहयोग करती थीं।
इतना ही नहीं मैसूर में शक्तिधाम नाम का आश्रम भी वह अपनी मां के साथ मिलकर चलाते थे, जहां पर वह हजारों लड़कियों की पढ़ाई का खर्च उठाते थे। यह एक चैरिटेबल संस्था है, जो बलात्कार पीड़िताओं की मदद, मानव तस्करी के विरुद्ध अभियान। वेश्यावृत्ति के खिलाफ काम करता है। वहीं जब पुनीत राजकुमार इस दुनिया को छोड़कर चले गए तो उसके बाद बेंगलुरु के एक सरकारी स्कूल के बच्चों ने उन्हें श्रद्धांजलि देने का अनोखा तरीका अपनाया था।
दरअसल, कर्नाटक सरकार के मंत्री ने इसकी जानकारी दी थी कि बच्चों ने पुनीत के नाम पर सैटेलाइट बनाया था। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक बेंगलुरु के एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने 1.90 करोड़ की लागत से KGS3 सैटेलाइट डेवलप किया था।
46 साल की उम्र में हार्ट अटैक से हुआ पुनीत राजकुमार का निधन
आपको बता दें कि पुनीत राजकुमार 29 अक्टूबर 2021 को इस दुनिया को हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कह कर चले गए थे। दरअसल, वह जब जिम में वर्कआउट कर रहे थे, तो उसी दौरान उन्हें बेचैनी सी महसूस होने लगी थी। उनकी पत्नी अश्विनी ने इस बात की जानकारी दी थी, जिसके बाद परिवारवालों ने उन्हें नजदीकी अस्पताल विक्रम में एडमिट कराया था। जैसे ही पुनीत राजकुमार की बीमारी की खबर लोगों ने सुनी तो वह अस्पताल के सामने बड़ी संख्या में एकत्रित हो गए और सभी अभिनेता के जल्दी ठीक होने की प्रार्थना करने लगे।
लेकिन कुछ समय बाद ही डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया था। उनके आकस्मिक निधन की खबर ने दक्षिण भारत समेत पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। बेंगलुरु के कई सिनेमा हॉल दिनभर के लिए बंद रहे थे और फिल्मों के प्रमोशन पर भी रोक लगा दी गई थी। इतना ही नहीं बल्कि बेंगलुरु में दो रात के लिए शराब की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई थी। आईटी कंपनियों समेत कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को जल्दी घर भेज दिया था।
अंतिम दर्शन को उमड़ी थी फैंस की भीड़
पुनीत राजकुमार के निधन की वजह से हर एक शख्स की आंखें गमगीन थीं। पुनीत के पार्थिव शरीर को लोगों के दर्शन के लिए 2 दिनों तक बेंगलुरु के कांतीरवा स्टेडियम में रखा गया था। उनके अंतिम दर्शन करने के लिए 30 लाख से भी ज्यादा लोग पहुंचे थे। फैंस को काबू में करने के लिए पूरे बेंगलुरु में धारा 144 लागू कर दी गई थी। वहीं यह खबर भी सामने आई थी कि जब एक फैन ने सुपरस्टार के निधन की खबर सुनी तो उसने सुसाइड कर लिया। दो का दिल का दौरा पड़ने की वजह से निधन हो गया था। कुछ दिनों बाद सुसाइड और हार्ट अटैक की ये संख्या 10 तक पहुंच गई थी।
वहीं इसी दौरान एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें पुनीत राजकुमार के निधन के बाद एक बुजुर्ग फैन उनके पोस्टर से लिपटकर रोती हुई दिखी थी। पुनीत राजकुमार का पोस्टर एक बस में लगा हुआ था, जिसमें वह हंसते हुए दिखाई दिए थे। महिला पोस्टर पर लगी धूल को साफ कर रही थी और वह उनके चेहरे को ऐसे सेहला रही थी मानो सच में उन्हें छू रही हो। पुनीत राजकुमार की फोटो को देखकर उसकी आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।
पुनीत राजकुमार कर गए थे अपने नेत्र दान
आपको बता दें कि पुनीत राजकुमार इस दुनिया को छोड़ने से पहले अपने नेत्रदान कर गए थे। जब उनकी मृत्यु हुई तब उनकी आंखें अस्पताल में दान कर दी गई थी। ऐसे में फैंस भी उनके इस आखरी काम को सराहनीय मानते हुए आंखें दान करने के लिए बेंगलुरु शहर के नारायण नेत्रालय अस्पताल पहुंच गए। रिपोर्ट्स की मानें, तो अपना नाम रजिस्टर कराने वालों में करीब एक लाख फैंस थे।
पुनीत राजकुमार को मिले सम्मान
पुनीत राजकुमार को फिल्म “बेट्टद हूवु” के लिए बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट के नेशनल फिल्म अवार्ड से नवाजा गया था। वहीं सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए उन्हें कर्नाटक स्टेट फिल्म अवार्ड दिया गया था। फिल्म “अरसु” के लिए फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला था। फिल्म “राम” के लिए एकेकेए बेस्ट एक्टर अवार्ड पुनीत राजकुमार को मिला था। साउथ स्कोप फिल्म “राज- दी शोमैन” के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर अवार्ड से नवाजा गया था।