ना सपने, ना किस्मत और ना ही कोई ग्रह-नक्षत्र…सिर्फ हमारी सोच ही हमें बना सकती है ‘पैसे वाला’
ये बात तो हम सभी जानते हैं कि “हम जैसा सोचते हैं, वैसे बन जाते हैं।” यह हमारी सोच ही होती है जो हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करती है। हमारी सोचने की क्षमता ही हमें अमीर और धनवान बनाती है। यदि हम हमेशा पॉजिटीव और बेहतर सोच सकते हैं तो हमें अमीर बनने से कोई नहीं रोक सकता। Rich people think differently.
आपकी सोच का कितना पड़ता है प्रभाव
आपको शायद यह पढ़कर आश्चर्य हो लेकिन सिर्फ हमारी सोच ही हमें राजा से रंक और रंक से राजा बना सकती है। ये बात हम नहीं कह रहे बल्कि ये एक शोध में साबित हुआ है कि, केवल इंसान की सोच ही उसे अमीर बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इंसान की सोच ही उसे खुद कि शख्सियत से आगे बढ़कर सोचने की आजादी देती है। हम यहां जिस शोध की हम बात कर रहे हैं वह भी एक अमीर शख्स ने ही किया है।
अमीर लोगों की सोच होती है अलग
गरीबी और अमीरी के सोच का अंतर दोनों कि सोच में है। अमीर व्यक्ति के लिए दुनिया में सबसे बड़ी बुराई गरीबी होती है जबकि, एक आम आदमी या फिर एक गरीब व्यक्ति के लिए पैसा ही दुनिया में बुराईयों की जड़ है। औसत आदमी सोचता है कि अमीर आदमी किस्मत के भरोसे या बेईमान से अमीर बनते हैं। अमीर आदमी से पूछा जाए कि स्वार्थ क्या है? तो वह इसे एक विशेषता बताएगा। क्योंकि, स्वार्थ के बिना हम अपने लक्ष्य पर केन्द्रित नहीं रह सकते हैं। इसके विपरीत आम आदमी स्वार्थ को अधर्म मानता है। अमीर और गरीब में दूसरा सबसे बड़ा फर्क दूरदर्शिता का होता है।
ऐसे लोग कभी नहीं बन पाते अमीर
जो लोग यह सोचते हैं कि उनके अच्छे दिन खत्म हो चुके हैं, वह कभी भी अमीर नहीं बन पाते। इसके विपरित जो लोग खुद पर भरोसा करते हैं और परिस्थितियों से लड़ते रहते हैं वो एक दिन जरुर अमीर बनते हैं। ऐसे लोग अपने सपनों, लक्ष्य और आइडिया से नए-नए एक्सपेरिमेंट्स करते-करते एक दिन सफल हो ही जाते हैं। एक अमीर आदमी के लिए उसका काम ही सब कुछ होता है। उसे काम का पैशन होता है जो उसे अमीर बनाता है। एक अमीर व्यक्ति का फोकस हर वक्त अपने काम पर होता है। लेकिन, एक आम आदमी कमाई से अधिक बचत के बारे में सोचता है।