योगी का खौफ: लिखकर दो, रास्ते में गोली नहीं मारोगे,एनकाउंटर के डर से कैदी अस्पताल जाने से मुकरा
कहते हैं जब से उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आई है तब से यहां के अपराधियों की बैंड बजी हुई है। वह योगी और यूपी पुलिस का नाम सुनकर ही थर-थर कांपने लगते हैं। इसका ताजा उदाहरण हरदोई जिले में देखने को मिला है। यहां एक कैदी को पुलिस इलाज के लिए लखनऊ ले जा रही थी। लेकिन कैदी ने ये कहकर जाने से मना कर दिया कि पुलिस रास्ते में उसे गोली मारकर उसका एनकाउंटर कर देगी।
एनकाउंटर के डर से कैदी ने किया हंगामा
पिहानी का रहने वाला कैदी रिजवान अपनी पत्नी की हत्या के जुर्म में हरदोई जिले की जेल में सजा काट रहा है। 13 मार्च, सोमवार उसके पेट में कुछ दिक्कत हो रही थी जिसके बाद पुलिस उसे मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी लेकर पहुंची। यहां डॉक्टरों ने उसका डायलिसिस करना चाहा। साथ ही उसकी स्थिति को गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने कैदी को ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया।
लेकिन कैदी रिजवान ने पुलिस के साथ जाने से इनकार कर दिया। उसने आरोप लगाया कि पुलिस उसे रास्ते में गोली मार देगी। इतना ही नहीं उसने अपना डायलिसिस कराने से भी मना कर दिया। उसने पुलिस से कहा कि तुम मुझे लिखकर दो कि रास्ते में गोली नहीं मारोगे। जैसे ले जाओगे, ठीक वैसे ही वापस भी लाओगे। वह ये भी बोला कि ये योगी की पुलिस है। इन्हें पता नहीं किसने ऐसी बूटी सूंघा दी है जो गोली मारने में माहिर है।
लिखित में मांगा गोली नहीं मारोगे
कैदी ने इस दौरान करीब एक घंटे तक जमकर ड्रामा किया। उसका हंगामा देख भीड़ भी वहां जमा हो गई। वहीं पुलिस उसे समझाने बुझाने में लगी रही। हालांकि अंत में पुलिस को थक हारकर उसे लिखित में आश्वस्त किया कि वह उसे गोली नहीं मारेगी। इसके बाद वह माना और उसे समझा-बुझाकर एंबुलेंस में बैठाया गया। इसके बाद उसे इलाज के लिए ले जाया गया।
अब यह पूरा मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। किसी ने कहा कि योगी का खौफ कायम रहना चाहिए। तो कोई बोला कि जब कैदी खुद बोल रहा है कि उसे क्या बीमारी है, वह ट्रॉमा सेंटर नहीं जाना चाहता, तो उसे फिर जिला कारागार ले जाना चाहिए था। बरहाल इस पूरे मामले पर आपके क्या विचार हैं हमे कमेंट कर जरूर बताएं।
बताते चलें कि एनकाउंटर की तरह ही बुलडोजर को लेकर भी अपराधियों और भ्रष्ट लोगों में योगी का खौफ है। इसकी वजह ये है कि ऐसे लोगों के बुलडोजर द्वारा गैरकानूनी रूप से बने घर और दुकान गिरा दिए जाते हैं।