ये है दुनिया की सबसे महंगी बिकने वाली लकड़ी, इसके एक किलो के दाम में खरीद सकते हैं कार
जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं इस दुनिया में कई प्रकार के पेड़-पौधे हैं। वहीं अगर हम बाजार में कोई पौधा खरीदने के लिए जाते हैं, तो सभी प्रकार के पौधों की कीमत अलग-अलग होती है लेकिन क्या आप लोगों ने सबसे कीमती पौधे के बारे में सुना है? जी हां, हम आपसे ऐसे पौधे के बारे में बात कर रहे हैं जिसकी कीमत इतनी है कि आप उसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते।
ऐसा पौधा अगर इसकी लकड़ी 1 किलो भी बिक जाती है तो आप उतने में 10 तोला सोना खरीद सकते हैं। इतना ही नहीं बल्कि कार और घर भी ले सकते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर भला ऐसा कौन सा पौधा है, जो इतना ज्यादा महंगा है? तो चलिए हम आपको इसके बारे में बताते हैं।
1 किलो लकड़ी की कीमत 7-8 लाख रुपए
वैसे हम सभी लोगों ने यह सुना है कि इस दुनिया में सबसे महंगी लकड़ियों में से एक चंदन होता है। आमतौर पर भारत में उगाई जा रही चंदन की लकड़ी को सबसे महंगा बताया जाता है। चंदन की लकड़ी आमतौर पर 7 से 8 हजार प्रति किलो के हिसाब से बिकती है लेकिन आज हम आपको एक ऐसी लकड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी कीमत लाखों में है। जी हां, हम आपको बताएं कि एक ऐसी भी लकड़ी है, जिसकी 1 किलो की कीमत 8 हजार पाउंड यानी भारतीय मुद्रा में देखा जाए तो 7-8 लाख रुपए होती है।
शायद आपको इस पर यकीन करना बहुत मुश्किल हो रहा होगा लेकिन यह बिल्कुल सच है। यानी कि जिस लकड़ी की हम बात कर रहे हैं अगर 1 किलो भी बिक जाती है तो आप बड़े आराम से ठीक-ठाक लग्जरी कार खरीद सकते हैं या फिर आप अपने पार्टनर के साथ इंटरनेशनल टूर का आनंद भी ले सकते हैं। वहीं अगर आप 5-6 किलो बेच देते हैं, तो एक आलीशान घर खरीद लेंगे।
ये है दुनिया की सबसे महंगी लकड़ी
दरअसल, आज हम यहां पर बात कर रहे हैं अफ्रीकन ब्लैक वुड (African Blackwood) नामक खास किस्म के पेड़ की। इस पेड़ की औसत ऊंचाई 25 से 40 फीट की होती है। यह दुनिया के सिर्फ 26 देशों में ही पाई जाती है। मूल रूप से यह अफ्रीकी महाद्वीप के मध्य और दक्षिणी भागों में अधिक मिलती है। इस प्रकार के पेड़ दुनिया में सबसे दुर्लभ माने जाते हैं। यही वजह है कि इनके दाम आसमान छूते हैं। यह पेड़ अन्य सभी पेड़ों की तुलना में बहुत कम संख्या में होते हैं। यही मुख्य वजह है कि इनकी बहुत ज्यादा मांग है। यह पेड़ ज्यादातर सेनेगल पूर्व से इरिट्रिया तक अफ्रीका के सूखे क्षेत्रों और दक्षिण अफ्रीका के उत्तर-पूर्वी भागों में मिलते हैं।
वहीं अगर हम मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यह लकड़ी दुर्लभ इसलिए भी है क्योंकि इसके पेड़ को उगाने में 60 वर्ष का समय लगता है और सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि अफ्रीकन ब्लैकवुड की कीमतों का इसकी मांग पर कोई भी असर नहीं पड़ता है। दुनियाभर में इसके खरीदार मौजूद हैं। इसी वजह से अफ्रीकी देशों में उगने वाली इस लकड़ी की अवैध तस्करी भी खूब होती है। रातों-रात इस पेड़ को काटकर ले जाते हैं, जिसकी वजह से इसकी संख्या भी कम होती जा रही है।