जब नरेंद्र मोदी एक महिला को अपनी सीट देकर खुद जमीन पर सो गये…!
नरेंद्र मोदी जी के जीवन एक प्रेरणास्पद किस्सा यहां आप सब के सामने प्रस्त्रुत कर रहे हैं. २६ वर्ष पुर्व हुये इस घटना का जिक्र इंडियन रेलवे सर्विस की एक वरिष्ठ अधिकारी Leena Sharma ने किया है।
भारतीय रेल्वे मैं आप को पता है की कन्फ़र्म सिट कितनी मुश्क़िल से मिलती है. क्या ऐसा भी हो सकता है कि कोई अपनी कंफर्म सीट किसी और को दे दे और खुद जमीन पर ही बिस्तर पर लगा कर सो जाएं। जी हां , ऐसा हुआ है। और ऐसा कोई और नहीं वो शख्स श्री नरेंद्र मोदी हैं, जिन्होंने ऐसा किया था।
२६ वर्ष पुर्व हुये इस घटना का जिक्र इंडियन रेलवे सर्विस की एक वरिष्ठ अधिकारी लीना शर्मा ने किया है। उन्होने एक अंग्रेजी अखबार में लिखा कि साल २०१४ में एक बार लखनऊ से दिल्ली जाने के लिए ट्रेन में चढ़ीं और उन ट्रेन में पहले से २ सांसद मौजूद थे। उन सांसदों के साथ १२ और यात्री भी थे जिन्होने टिकट नहीं ली थी..।
लीना शर्मा ने लिखा था कि वो यात्री हमे परेशान कर रहे थे और आखिरकार में हमने सीट निश्चय किया। उस रात को खौफनाक करार देते हुए लीना शर्मा ने आगे लिखा की किसी तरह रात बिताने के बाद सुबह दिल्ली पहुंचे। जहां से हमे गुजरात, अहमदाबाद जाना था। समय की कमी के कारण से हमारी टिकट कंफर्म नहीं हुई परंतु टीटी से निवेदन करने पर टीटी ने सीट दिलाने का आश्वासन दिया, और हमें दो यात्रिओं के पास बैठा दिया,टीटी ने कहा की दोनों इस रुट के रेगुलर यात्री हैं अत: आप आराम से बैठें।
लीना शर्मा ने आगे अपने लेख में लिखा कि पहले हुये अनुभव को लेकर हम डर गए थे जब दोनों यात्रीयों ने अपना परिचय बीजेपी नेता के तौर पर दिया. उन के साथ थोड़ी देर बैठने के बाद हमे इस बात का विश्वास हो गया कि वे दोनों सभ्य पुरुष हैं। कुछ देर के बाद टीटी ने जानकारी दी कि वो उन के लिये ट्रेन मैं सीट उपलब्ध नहीं हो पाएगी। यह बात उन के २ साथ यात्रा कर रहे दोनो भाजपा नेताओं ने सुनि और उन दोनों नेताओं ने ये फैसला किया कि वो हमें अपनी सीट दे देंगे और जमीन पर खुद सोएंगे।
कुछ पल के बाद खाने के लिये शाकाहारी थाली आई और हमने एक साथ भोजन किया, शाकाहारी थालीए की बिल एक गंभीर पुरुष ने अदा किया, उस वक्त मैने उन से नाम पूछा तो उन्होने अपना नाम नरेंद्र मोदी ऐवं शंकर सिंह वाघेला बताया। उस रात ट्रें मैं शंकर सिंह वाघेला और नरेंद्र मोदी ने फर्श पर ही अपना बिस्तर लगाया और सो गए।
हमारी यात्रा रात को पूरी हो गयी और तो इन दोनों नेताओं ने इस बात का भरोसा दिलाया की किसी परेशानी की सूरत में हमे निसंकोच संपर्क कर सकती हैं।
लीना शर्मा ने अपने लेख में यह भी लिखा की ट्रेन से उतरते वक्त मैने दोनों सज्जन का नाम अपनी डायरी में लिखा था।