Pics : खूबसूरत होने के बाद भी एक्ट्रेस नहीं बनना चाहती जूही चावला की बेटी, इस काम में है माहिर
साल 1986 में अपने करियर की शुरुआत करने वाली मशहूर और खूबसूरत अभिनेत्री जूही चावला ने बड़ा नाम कमाया है. उनकी पहली फिल्म ‘सल्तनत’ थी. हालांकि उन्हें पहचान मिली थी फिल्म ‘क़यामत से क़यामत तक’ से. यह फिल्म साल 1988 में रिलीज हुई थी.
इस फिल्म से जूही चावला अचानक से चर्चा में आ गई थीं. फिर उन्होंने 90 के दशक में भी खूब धमाल मचाया था. वे इस दौर में काफी चर्चा में रही थीं. हालांकि जूही ने इस दौरान अपने फ़िल्मी करियर में शिखर पर रहते समय शादी कर ली थी और फिर वे धीरे-धीरे बॉलीवुड से दूर होने लगी थी.
बता दें कि जूही की शादी साल 1995 में हो गई थीं. उस समय वे अपने फ़िल्मी करियर में शिखर पर थीं. अभिनेत्री ने जय मेहता संग ब्याह रचाया था. बता दें कि जूही के पती जय एक बड़े बिजनेसमैन हैं. शादी के बाद दोनों दो बच्चों बेटी जान्हवी मेहता और बेटे अर्जुन मेहता के माता-पिता बने.
जूही की बेटी जान्हवी हूबहू उन पर गई है. सोशल मीडिया पर जान्हवी की कई तस्वीरें वायरल है. तस्वीरों को देखने से साफा पता चलता है कि जान्हवी अपनी मां पर गई है. जान्हवी 21 साल की हो चुकी हैं. उनका जन्म 21 फरवरी 2001 को हुआ था. जबकि जूही का बेटा अर्जुन 19 साल का है. अर्जुन का जन्म 212 जुलाई 2003 को हुआ था.
एक्ट्रेस नहीं बनाना छाती हैं जान्हवी
बता दें कि जान्हवी को फ़िल्मी दुनिया में कोई दिलचस्पी नहीं हैं. उनकी मां इतनी बड़ी स्टार है इसके बावजूद वे अभिनय के क्षेत्र में हाथ नहीं आजमाना चाहती है. बताया जाता है कि जान्हवी को खेल कूद में दिलचस्पी है और वे राइटर बनना चाहती हैं.
View this post on Instagram
किताबों से है जान्हवी को ख़ास लगाव
जान्हवी लेखिका बनना चाहती है तो जाहिर तौर अपर उन्हें किताबें पढ़ने का बहुत शौक होगा. अपने एक साक्षात्कार में जूही ने बताया था कि जाह्नवी को पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा कुछ पसंद है तो वह है किताबें.
जब जूही ने बताई बेटी की सबसे बड़ी खासियत, स्पोर्ट्स में भी है दिलचस्पी
अपनी एक पोस्ट में जूही ने जान्हवी के लिए लिखा था कि, ”जब वह छोटी बच्ची थी, तभी से क्रिकेट देखना शुरू कर दिया. कमेंटेटरों की बात ध्यान से सुनकर वह खेल की पेचीदगियों को समझने लगी. जब वह लगभग 12 वर्ष की थी, तब हम घूमने गए थे.
होटल में एक मोटी सी कॉफी टेबल बुक थी, उसमें दुनिया के सभी क्रिकेटरों के जीवन की कहानियां, उपलब्धियां, रिकॉर्ड था. होटल में बिताए कुछ दिनों में उसने पूलसाइड बैठ कर उस किताब को पढ़ा. यह इतना असामान्य था, कौन सी 12 साल की लड़की ऐसा करती है. इसे देख कर मैं हैरान रह गई. समय के साथ खेल में उसकी दिलचस्पी बढ़ती गई.