यूपी में जमकर उड़ाई जा रही सीएम के आदेश की धज्जियाँ, पढ़ाई के नाम पर ली जा रही मोटी फीस
बुलंदशहर: आज के समय में शिक्षा ही एक ऐसी चीज है, जिसकी बदौलत व्यक्ति अपना भविष्य बदल सकता है। शिक्षा का महत्व प्राचीन काल से ही है, लेकिन पिछले कुछ समय से बिना शिक्षा के लोगों को रोटी भी नसीब नहीं हो पा रही है। ऐसे में शिक्षा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। आज के समय में हर कोई अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए तत्पर है। पैसे वाले लोग अपने बच्चों को किसी महँगे स्कूल में पढ़ाते हैं।
अभिवावकों ने ना की जाये लूट-खसोट:
सरकारी स्कूलों की हालत काफी खस्ता है। इसी को ध्यान में रखकर यूपी सरकार ने यह आदेश दिया था कि सभी सरकारी कर्मचारियों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ेंगे। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने शिक्षा के नाम पर होने वाली लूट-खसोट को रोकने के लिए सभी स्कूलों को आदेश दिया था कि अभिवावकों से लूट खसोट ना की जाए। लेकिन कुछ स्कूल संचालकों पर योगी के इस आदेश का कोई असर नहीं पड़ा है।
आज भी कुछ स्कूलों के संचालक जमकर पैसे लूट रहे हैं। वह अपनी मनमानी करके अपनी जेब भर रहे हैं। हाल ही में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है। यह मामला बुलंदशहर के गुलावठी क्षेत्र के मुहाना गाँव का है। वहाँ के एक स्कूल को स्कूल की ईमारत पूरी ना होने के बाद भी मान्यता मिल गयी। केवल यही नहीं इसमें पढ़ने वाले हजारों बच्चों के माता-पिता से 350 से 800 रूपये तक फीस भी वसूली जा रही है।
हो सकता है कभी भी भयनक हादसा:
प्राप्त जानकारी के अनुसार गुलावठी क्षेत्र के मुहाना गाँव में आर्या कान्वेंट पब्लिक स्कूल की ईमारत बंकर पूरी तरह से तैयार भी नहीं हुई थी कि भ्रष्टाचार की वजह से इसे मान्यता भी मिल गयी। स्कूल की ईमारत का उपरी हिस्सा हर तरफ से खुला हुआ है। स्कूल में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है, जिससे कभी भी भयानक हादसा हो सकता है। जब आवाम-ए-हिन्द की टीम ने स्कूल के संचालक से पूछा कि कैसे बिना ईमारत पूरी तरह से बने स्कूल को मान्यता मिल गयी? संचालक का जवाब हैरान करने वाला था।
उन्होंने कहा कि एक हमारा ही स्कूल नहीं है जो गलत ढंग से चल रहा है। दर्जनों ऐसे स्कूल हैं, जो बिना मान्यता मिले चल रहे हैं। अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि इन स्कूलों को मान्यता कैसे मिल गयी? सरकारी अधिकारीयों ने बिना स्कूल का निरिक्षण किये घूस लेकर ही मान्यता दे दी। जब टीम के सदस्यों ने स्कूल के संचक से कहा कि अआप सीएम के आदेशों का उलंघन कर रहे हैं तो उसनें जवाब दिया कि सबसे बड़ा रुपया है ना की कोई सरकार।