आज एकादशी और गणेश उत्सव के शुभ संयोग में करेंगे ये पांच उपाय तो पूरी हो जाएंगी सभी मनोकामनाएं
वैसे तो बप्पा के भक्तों के लिए गणेशोत्सव का हर दिन महत्वपूर्ण है.. लोग इस दौरान भगवान गणेश की पूजा कर घर में संपन्नता और सौभाग्य की मंगल कामना करते हैं लेकिन इस उत्सव काल में ही एक शुभ योग का भी संजोग बनता है जो कि भक्तों के लिए विशेष फलदायी होता है..ये हैं भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी। शास्त्रों के अनुसार एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और गणेश उत्सव के दौरान आने वाली एकादशी पर गणेश के साथ विष्णु की पूजा करने से सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। इस बार 1 सितंबर को ये शुभ योग बन रहा है ,ऐसे में इस अवसर आप भी पूजा अर्चना कर पा सकतें गणपति के साथ भगवान विष्णु की विशेष कृपा ….कैसे करनी है पूजा ..कैसे मिलेगा शुभ लाभ ये हम आपको बता रहे हैं।
हिंदू पंचांग की ग्यारहवी तिथि को एकादशी कहते हैं. यह तिथि मास में दो बार आती है. पूर्णिमा के बाद और अमावस्या के बाद। पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी और अमावस्या के बाद आने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी कहते हैं। एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और गणेश उत्सव के दौरान आने वाली एकादशी पर गणेश के साथ विष्णु की पूजा करने से सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। शास्त्रों के अनुसार एकादशी और गणेश उत्सव का योग जब हो उस दौरान खास तरह से पूजा करें।
पूजा में इन बातों का विशेष ध्यान रखें-
- गणेश उत्सव के दौरान भक्तजन विघ्नविनाशक देव गणपति की आराधना कर अपने मंगल की कामना करते हैं सुबह शाम आरती के साथ विधिवत पूजा अर्चना की जाती है.. एकादशी के दिन भी आप ऐसा ही करें पर साथ में भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की पूजा भी अवश्य करें।
- श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं और श्री कृष्म को माखन मिश्री विशेष प्रिय है ऐसे में आप पूजा के समय भगवान विष्णु की प्रतिमा या श्री कृष्ण की प्रतिमा पर मिश्री अवश्य चढ़ाएं।
- पूजा के समय भगवान विष्णु को पीले रेशमी वस्त्र अर्पित करें और केले का भोग लगाएं.
- पूजा के बाद गरीब व्यक्ति को पीले वस्त्र का दान करना विशेष फलदायी होता है.. इसलिए ऐसा जरूर करें।
- घर में विराजित बाल गोपाल का दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक करें और इसके लिए केसर मिले दूध का इपयोग करें।