डॉलर के मुकाबले धड़ाम से गिरा रुपया, पहली बार 83 के पार गया, आम आदमी पर होगा ऐसा असर
बुधवार, 19 अक्टूबर को भारतीय रुपए की हालत अमेरीकी डॉलर के मुकाबले काफी कमजोर हो गई। वह पहली बार 83 के पार यानी 83.01 पर बंद हुआ। यह अब तक का सबसे निचला स्तर है। रुपया अपने सबसे कमजोर स्तर पर गिर गया है। ये आगे चलकर 83.50 भी हो सकता है। रुपए में बीते कुछ समय से लगातार गिरावट देखी जा रही है।
डॉलर के मुकाबले रुपए की हालत बेहद खराब
बता दें कि ये पहली बार है जब रुपया 83 के पार जा पहुंचा। इसके पहले मंगलवार को भी रुपए में गिरावट देखने को मिली थी। तब वह डॉलर की तुलना में 82.36 रुपये प्रति डॉलर पर क्लोज हुआ था। वहीं बुधवार को दोपहर के समाए कारोबार के दौरान रुपये में हल्का सा सुधार जरूर देखने को मिला, लेकिन शाम तक वह फिर से औंधे मुंह जा गिरा और 83 रुपये प्रति डॉलर के पार जाकर बंद हुआ।
क्या होगा आम आदमी पर असर?
रुपए के कमजोर होने से आम आदमी की जेब पर इसका गहरा असर पड़ेगा। भारत कुछ आवश्यक इलेक्ट्रिक सामान और मशीनरी व दवाओं का भारी मात्रा में आयात करता है। इनमें ज्यादातर मोबाइल और गैजेट को चीन व अन्य पूर्वी एशियाई शहरों से मंगवाया जाता है। अब रुपए में गिरावट आने से इन सभी चीजों का आयात महंगा हो जाएगा। नतिजन इनकी कीमतें बढ़ेगी और आम आदमी का खर्चा भी बढ़ेगा।
रुपए के गिरने से आम आदमी को रसोई गैस, पेट्रोल और डीजल इत्यादि के बढ़ते हुए दामों को झेलना होगा। हिंदुस्तान में 80 फीसदी कच्चा तेल बाहर से आयात किया जाता है। रुपए के डाउन में जाने से यह आयात महंगा होगा। जब कच्छ तेल महंगा होगा तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी बढ़ेगी। इनकी माल ढुलाई भी महंगी हो जाएगी। इसका असर आपकी रसोई से लेकर रोजमर्रा के सामान तक सभी पर पड़ेगा।
पेट्रोल-डीजल महंगा के महंगे होने से सामान को लाने ले जाने का किराया बढ़ जाएगा। आपकी यात्रा भी महंगी हो जाएगी। भारत में 60 फीसदी खाद्य तेल का आयात होता है। इसे डॉलर में खरीदा जाता है। इसलिए रुपये के कमजोर होने से खाद्य तेलों के दाम घरेलू बाजार में बढ़ जाएंगे।
रुपया गिर नहीं रहा, डॉलर मजबूत हो रहा – निर्मला सीतारमण
हाल ही में रूपए के गिरने को लेकर कुछ पत्रकारों ने वित्त मंत्री पर अमेरिका की यात्रा के दौरान सवाल दागे। इस पर उन्होंने कहा “‘रुपया गिर नहीं रहा, बल्कि डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है। डॉलर के सामने बाकी सभी मुद्राओं की स्थिति समान है। अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्रा के मुकाबले डॉलर के सामने रुपए का हाल व परफॉरमेंस अच्छा रहा है। RBI भी इसी कोशिश में है कि मुद्रा को लेकर बहुत ज्यादा उथल-पुथल ना हो।”
हालांकि वित्त मंत्री के इस बयान पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी लोगों ने उन्हें ट्रोल किया।