पराए मर्द को न छूने की वजह से दादी-नानी के रोल निभाती रही ये एक्ट्रेस, 17 साल में बनी थी मां
हिंदी सिनेमा की दिग्गज अदाकारा लीला मिश्रा ने अपने करियर में ज्यादातर मौसी, दादी और नानी के ही किरदार निभाए हैं। फिल्म ‘शोले’ में भी लीला मिश्रा ने मौसी का किरदार निभाया था जिसके जरिए उन्हें काफी सफलता हाथ लगी थी। इतना ही नहीं बल्कि इस किरदार को निभाने के बाद आलम यह हुआ कि लोग उन्हें मौसी के नाम से ही पहचानने लगे थे।
बता दे लीला मिश्रा ना सिर्फ अपनी एक्टिंग के लिए जानी जाती थी बल्कि उनकी पर्सनल लाइफ भी काफी चर्चा में रही। इसी बीच हम आपको बताने जा रहे हैं लीला मिश्रा के जीवन से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें जिन्हें कम ही लोग जानते हैं।
पति की मर्जी से एक्ट्रेस बनी थी लीला मिश्रा
यदि आप गौर करेंगे तो ज्यादातर फिल्मों में देख पाएंगे कि लीला मिश्रा ने केवल मां, बुआ, नानी, मौसी और दादी जैसे रोल ही निभाई। इसके पीछे की भी खास वजह बताई जाती है। दरअसल लीला मिश्रा सिर्फ 12 साल की थी तभी उनकी शादी करवा दी गई थी। जब वह 17 साल की हुई तो 2 बच्चों की मां बन चुकी थी।
बता दे लीला के पति का नाम रामप्रसाद था। उस दौर में भी रामप्रसाद काफी खुले विचारों के व्यक्ति थे और उन्होंने लीला मिश्रा को उनकी जिंदगी अपने अनुसार जीने का पूरा अधिकार दिया था। उन्होंने ही लीला मिश्रा को फिल्मी दुनिया में आने का कहा था। इसके बाद लीला मिश्रा ने अपने पति के साथ साल 1936 में रिलीज हुई फिल्म ‘सती सुलोचना’ में काम किया।
इस दौरान दोनों पति पत्नी को केवल 650 रुपए मिले थे। लीला को जहां 500 रुपए फीस दी गई थी तो वही राम प्रसाद को केवल 150 ही दिए गए थे। वहीं लीला मिश्रा ज्यादातर फिल्मों में इसलिए दादी, मां, नानी और मौसी के किरदार निभाती थी क्योंकि उन्हें पसंद नहीं था कि कोई अनजान शख्स उन्हें छुए।
वैसे तो लीला मिश्रा को कई फिल्म में मुख्य किरदार मिले लेकिन उन्होंने इस तरह के किरदार निभाने से इंकार कर दिया। ऐसा कहा जाता है कि उन्हें शुरुआती दिनों में कुछ फिल्में ऑफर हुई थीं, जिसमें उनका किरदार लीड रोल में था, लेकिन जब वह उसकी शूटिंग करने लगीं, तब उन्हें बाहरी आदमियों का स्पर्श बिल्कुल पसंद नहीं आया। ऐसे में फिर उन्होंने इस तरह के किरदार न निभाने के फैसला कर लिया।
18 साल की उम्र से मां के किरदार निभाने लगी थी लीला
बता दें, लीला मिश्रा ने अपने करियर में ‘प्रेम रोग’, ‘शोले’, ‘प्यासा’, ‘आवारा’, ‘नदिया के पार’, ‘सौदागर’, ‘जय संतोषी मां’, ‘बैराग’, ‘मां का आंचल’, ‘परिचय’ और ‘चश्मे बद्दूर’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया।
खास बात यह है कि लीला मिश्रा केवल 18 साल की उम्र में ही ऑनस्क्रीन मां का किरदार निभाने लगी थी। बता दें, लीला मिश्रा ने बॉलीवुड के अलावा भोजपुरी सिनेमा में भी काम किया था। ऐसे में उन्होंने करीब 50 सालों तक फिल्मों में काम किया। इसके बाद 17 जनवरी 1988 को हार्ट अटैक की वजह से वह इस दुनिया को अलविदा कह गई।