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दस दिन में तीन हादसे, यात्री बोलेः हे प्रभु बाल-बाल बच गए

महाराष्ट्र के नागपुर-मुंबई दूरंतो एक्सप्रेस के 7 डिब्बे और इंजन मंगलवार सुबह पटरी से उतर गए। हादसा महाराष्ट्र के टिटवाला के पास हुआ। बताया जा रहा है इलाके में दो दिन से भारी बारिश हो रही थी। इसके चलते रेस्क्यू में दिक्कत आ रही है। बता दें कि 10 दिन में देश में ये तीसरा ट्रेन हादसा है। 19 अगस्त को उत्कल एक्सप्रेस और  23 अगस्त को कैफियत एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई थी। वहीं रेलवे ने हादसा पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना शुरु कर दिया है।

हादसे के वक्त ज्यादातर लोग नींद में थे

हादसा सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर हुआ। जब आसनगांव-वासिंद स्टेशन के बीच ट्रेन गुजर रही थी तभी अचानक ट्रेन के पहिए उतर गए। हादसे के बाद रेलवे ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। कल्याण से रेस्क्यू टीम हादसे कि जगह के लिए रवाना हो चुकी है। दुर्घटना के बाद आसपास के लोग ने तत्काल मदद की। पलटे हुए डिब्बों में फंसे लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की। यात्रियों ने बताया की सुबह का समय होने पर ज्यादातर यात्री सो रहे थे। अचानक लगे झटके के बाद ट्रेन में अफरातफरी मच गई।

यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने बसों का इंतजाम किया है। सेंट्रल रेलवे की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि,  सेंट्रल रेलवे के पीआरओ सुनील उदेसी ने कहा कि इंजन और 7 डिब्बे पटरी से उतरे हैं। अभी तक की जानकारी के मुताबिक किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान और किसी के जख्मी होने की खबर नहीं है।

जमीन खिसकने से हुआ हादसा

सेंट्रल रेलवे के सूत्रों के मुताबिक शुरुआती जांच में हादसे का कारण पटरी के नीचे से जमीन खिसकना हो। दो दिनों से हो रही बारिश के बाद घटना स्थल की जमीन खिसक गई थी। जिसकी वजह से पटरी हवा में थी और ट्रेन गु

जरने से हादसा हो गया। पटरी से उतरने वाले डिब्बों में A1, A2, A3 भी शामिल है। दुर्घटना के बाद कल्याण से मुंबई के बीच का रूट कुछ घंटों के लिए बाधित हो गया है।

दस दिन में तीन रेल हादसे

बीते दस दिन में आज से पहले आजमगढ़ से दिल्ली जा रही कैफियत एक्सप्रेस 23 अगस्त को तड़के यूपी के औरेया जिले में दिल्ली-हावड़ा रेल ट्रैक पर एक डंपर से टकरा गई। हादसे में ट्रेन के इंजन समेत 10 डिब्बे पलट गए थे। 80 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे।

इसके साथ ही 19 अगस्त को यूपी के मुजफ्फरनगर में पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। दुर्घटना में 23 लोगों की मौत हुई थी जबकि 60 से ज्यादा घायल हुए थे। इसके अलावा इलाज के दौरान सात लोगों की मौत हो गई थी।

इसके अलावा 2017 में 21 जनवरी 2017 को कुनेरू के पास जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस पटरी से उतरी गई थी। इसमें 40 से ज्यादा की मौत और 68 घायल हो गए थे। जबकि 7 मार्च 2017 को मध्य प्रदेश में भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में बम फटा था, जिसमें 10 लोग घायल हो गए थे।

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