कौन है ये महिला जिसके सामने नतमस्तक हुए मोदी, आखिर क्यों की दोनों ने मुलाकात? जानिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सोशल मीडिया पर बड़े एक्टिव रहते हैं। खासकर ट्विटर पर वह अपनी डेली एक्टिविटी पोस्ट करते रहते हैं। बीते शुक्रवार उन्होंने एक बुजुर्ग महिला संग अपनी कुछ तस्वीरें ट्विटर पर साझा की। इन तस्वीरों में वह इस बुजुर्ग महिला को शीश झुकाकर प्रमाण करते दिखाई दिए। वहीं महिला ने भी बड़े ममताभरे स्नेह से पीएम का हाथ पकड़ा।
अब लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि आखिर यह महिला कौन है जिसके सामने पीएम मोदी भी नतमस्तक हो गए। ये महिला पीएम मोदी से मिलने क्यों आई? दोनों का आपस में क्या रिश्ता है? आखिर दोनों की ऐसी तस्वीरें सामने क्यों आई? तो चलिए हम आपके इन सभी सवालों का विस्तार से जवाब दे देते हैं।
कौन है ये महिला जिसके सामने नतमस्तक हुए मोदी
दरअसल इस बुजुर्ग महिला का नाम उमा सचदेव (Uma Suchdeva) है। वे कर्नल (रिटायर्ड) एचके सचदेव की पत्नी हैं। एचके सचदेव सेना के सम्मानित अधिकारी थे। उमा सचदेव की उम्र लगभग 90 वर्ष है। लेकिन उम्र के इस पड़ाव में भी वह उत्साह और उमंग से लबालब भरी हैं। वे पूर्व सेना प्रमुख जनरल वेद प्रकाश मलिक (Ved Prakash Malik) की चाची भी हैं।
Today I had a memorable interaction with Smt. Uma Suchdeva Ji. She is 90 years old and is blessed with great vigour and a spirit of optimism. Her husband, Colonel (Retd) HK Suchdeva was a widely respected veteran. Uma Ji is the aunt of General @Vedmalik1 Ji. pic.twitter.com/DMM3dyfgZO
— Narendra Modi (@narendramodi) October 7, 2022
मोदी ने उमा सचदेव संग अपनी इस मुलाकात को काफी यादगार बताया। उन्होंने कहा कि उम्र के इस पड़ाव में भी उमा का जोश और आशावाद काफी ज्यादा है। जब वह मोदी से मिली को भेंट स्वरूप उन्हें 3 किताबें दी। इन किताबों को उनके दिवंगत पति एचके सचदेव ने ही लिखा था। इनमें दो किताबों का संबंध गीता से है। एक किताब का टाइटल ‘ब्लड एंड टियर्स’ है। इस किताब में एचके सचदेव ने भारत और पाकिस्तान के बटवारे के दौरान अपने अनुभवों का जिक्र किया है।
इन विषयों पर हुई बातें
उमा सचदेव से मुलाकात के दौरान मोदीजी ने कई मसलों पर चर्चा की। जैसे 14 अगस्त को विभाजन त्रासदी स्मृति दिवस के रूप में मनाने के सरकार के निर्णय पर चर्चा हुई। यह दिवस बंटवारे के दौरान अपना सबकुछ त्यागकर देश की उन्नति में योगदान देने वालों के समरण में मनाया जाता है। यह लोग एक तरह से धैर्य का प्रतीक हैं।
बताते चलें कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल वेद प्रकाश मलिक रिश्ते में उमा सचदेव के भतीजे हैं। वे 30 सितंबर 1997 से 30 सितंबर 2000 तक 19वें सेना प्रमुख थे। कारगिल युद्ध में वे आर्मी चीफ की पोजीशन पर थे। वे कारगिल युद्ध पर ‘कारगिल: फ्रॉम सरप्राइज टू विक्टरी’ नाम की एक किताब भी लिख चुके हैं। इसके अलावा वे ‘इंडियाज मिलिट्री कॉन्फ्लिक्ट्स एंड डिप्लोमेसी: इनसाइड व्यू ऑफ डिसीजन मेकिंग’ नाम की किताब राइटर भी हैं।