सब इंस्पेक्टर की नौकरी छोड़ अभिनेता बने थे राजकुमार, फिल्म फ्लॉप होने पर बढ़ा देते थे 1 लाख फीस
जब राजकुमार से सेक्रेटरी ने पूछा- फिल्म तो फ्लॉप हो गई फिर फीस क्यों बढ़ाई ? मिला था ऐसा जवाब
दिग्गज और दिवंगत अभिनेता राजकुमार साहब का अंदाज और रूतबा ही सबसे लगा था. उन्होंने हिंदी सिनेमा में अपनी अलग ही धाक जमा रखी थी. राजकुमार पुलिस इंस्पेक्टर की नौकरी छोड़कर अभिनेता बने थे. पुलिस वाला अंदाज उनके पास हमेशा ही रहा.
राजकुमार की बात आज एक ख़ास दिन पर हो रही है. राजकुमार साहब जीवित होते तो आज (8 अक्टूबर) अपना 96वां जन्मदिन मना रहे होते लेकिन आज उनकी जयंती है. 8 अक्टूबर के दिन साल 1926 में इस बेहतरीन अभिनेता का जन्म पाकिस्तान के लोरलाई में हुआ था.
राजकुमार अपने समय के बेहतरीन अभिनेता थे. उनकी आवाज और डायलॉग डिलीवरी के फैंस दीवाने थे. उनके डायलॉग आज भी काफी लोकप्रिय है. असल जिंदगी में भी वे एक मजबूत और कड़क किरदार निभाते थे. राज साहब काफी मुंहफट स्वभाव के भी थे. वे किसी को भी कुछ भी बोल देते थे और उनका अपमान कर देते थे.
अमिताभ बच्चन, बप्पी लहिरी, जीनत अमान, गोविंदा, सलमान खान सहित कई स्टार्स का उन्होंने मजाक उड़ाया था और उनका सबके सामने अपमान कर दिया था. लेकिन यह उनके स्वभाव में ही शामिल था. वे दिल खोलकर जीते थे. कश्मीरी परिवार में पैदा हुए राज साहब ने अपनी बेहतरीन अदाकारी से दर्शकों के दिलों पर राज किया.
फ़िल्मी दुनिया में राजकुमार के कई किस्से चर्चित है. आम तौर पर देखा जाता है कि जब किसी कलाकार की फिल्म फ्लॉप हो जाती है और सिलसिला शुरू हो जाता है तो एक समय पर वह कलाकार अपनी फीस में कटौती कर देता है लेकिन राज साहब के मामले में ऐसा नहीं था. राजकुमार तो अपनी फीस कम करने के बजाय और बढ़ा दिया करते थे.
साल 1994 में आई राजकुमार की फिल्म ‘बेताज बादशाह’ फ्लॉप रही थी. फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा और मुकेश खन्ना ने भी काम किया था लेकिन फिल्म चली नहीं. इस फिल्म के फ्लॉप होने के बाद एक साक्षात्कार में अभिनेता ने कहा था कि, “फिल्में फ्लॉप हो सकती हैं लेकिन मैं नहीं”.
एक लाख रुपये बढ़ जाती थी मेरी फीस…
राज साहब ने बताया था कि, ”जब मेरी फिल्में फ्लॉप हो जाती थीं तो भी मेरी एक लाख रुपये फीस बढ़ जाती थी. मेरे सेक्रेटरी ने पूछा था कि राज साहब फिल्म तो फ्लॉप हो गई आप एक लाख बढ़ा रहे हैं ? इस पर मैंने जवाब दिया था पिक्चर चले या न चले मैं फेल नहीं हुआ, इसलिए फीस भी एक लाख रुपये बढ़ेगी”.
कभी राज साहब मुंबई में सब इंस्पेक्टर की नौकरी कर रहे थे. किसी ने उनकी कद-काठी और उनके अंदाज से प्रभावित होकर उन्हें फिल्मों में काम करने की सलाह दी. इसके बाद वे यह नौकरी छोड़कर अभिनेता बन गए. राजकुमार ने अपने करियर में मदर इंडिया, सौदागर, तिरंगा, मरते दम तक, नील कमल, पाकीजा, दिल अपना प्रीत पराई, पुलिस और मुजरिम जैसी कई बेहतरीन फ़िल्में दी. साल 1996 में 69 साला की उम्र में अभिनेता का निधन हो गया था.