फर्जी निकला राहुल का ‘ अरहर मोदी ’ वाला नारा ! दाल की कीमतों के लिए ये है कारण
दरअसल, केंद्र सरकार ने जहां एक ओर दालों की महंगाई को रोकने के लिए 30 हजार मीट्रिक टन दालों के आयात को मंजूरी दी है। वहीं 29 हजार मीट्रिक टन दाल रियायती दरों पर राज्य सरकारों को आवंटित की गई हैं। राज्य सरकारों को आवंटित की गई दालों का बफर स्टॉक केंद्र सरकार के गोदामों में पड़ा हुआ लेकिन, राज्य सरकारें अपने हिस्से की रियायती दालें उठा ही नहीं रही हैं। इन दालों को 120 रुपए प्रति किलो की दर से ज्यादा पर नहीं बेचा जा सकता है।
मोदी सरकार की तमाम एजेंसियों ने घरेलू बाजार और किसानों से तकरीबन 1,19,572 मीट्रिक टन दालों की खरीदारी की है और आयात के लिए 56,000 मीट्रिक टन दालों के लिए कांट्रेक्ट किया हुआ है। इस तरह सरकार के पास बफर स्टॉक में 1,75,572 मीट्रिक टन दालें उपलब्ध हैं। ये दालें राज्यों को मुहैया कराई जाती हैं। अरहर 67 रुपये प्रति किलो की दर से और उड़द 82 रुपये प्रति किलो की दर से राज्यों को मुहैया कराई जाती हैं। राज्य सरकारों के अनुरोध पर मोदी सरकार ने 29,000 मीट्रिक टन दालें राज्यों को आवंटित की हैं, लेकिन केवल तीन राज्यों ने ही थोड़ी मात्रा में दालों का उठाव किया है। जिसमें आंध्रप्रदेश, तमिलनाडू और तेलंगाना शामिल हैं।