UP : मासूम को झाड़ियों में फेंक गए माता-पिता, बुजुर्ग ने उठाया, लोग बोले- मातारानी का अवतार है
हमीरपुर (उत्तरप्रदेश) : देश दुनिया में धूमधाम के साथ नवरात्रि का पवित्र त्यौहार मनाया जा रहा है. नवरात्रि हिंदूओं के प्रमुख त्यौहारों में शामिल है. भारत में तो यह त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है वहीं विदेशों में फैले हिंदू भी माता रानी की आराधना करते हैं. नवरात्रि का यह त्यौहार अब समापन की ओर है.
सोमवार को अष्टमी मनाई जा रही है. नवरात्रि के दौरान यूं तो हर दिन का विषेश महत्व होता है लेकिन अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व रहता है. अष्टमी और नवमी को घरों में कन्या भोज करवाया जाता है और माता का पूजन किया जाता है. लेकिन इसी बीच अष्टमी पर एक दिल दहला देने वाली खबर और मन को दुःखी कर देने वाली तस्वीर सामने आई.
बात हो रही है उत्तर प्रदश के हमीरपुर की. हमीरपुर में नवरात्रि की अष्टमी तिथि को नवैनी गांव में एक नवजात बेटी झाड़ियों में भूखी-प्यासी तड़पती हुई मिली. एक बुजुर्ग महिला कहीं जा रही थी तब ही उसने देखा कि किसी बच्चे के रोने की आवाज आ रही है वो जब नजदीक पहुंची तो उसने जो दृश्य देखा उसने उसके होश उड़ा दिए थे. महिला को एक मासूम झाड़ियों में मिली.
नवजात को उसके माता-पिता या कोई परिजन गांव में झाड़ियों के किनारे फेंककर चले गए. लेकिन बेटी को गोद लेने के लिए अब लोगों की होड़ मची पड़ी है. ग्रामीणों में कई लोगों ने बच्ची को गोद लेने की बात कही है और ग्रामीण नवजात को देवी मां का अवतार मान रहे हैं. झाड़ियों से बच्ची मिलने के बाद तुरंत ही पुलिस को सूचना दी गई और आनन-फानन में फिर नवजात को अस्पताल में भर्ती कराया गया. सोशल मीडिया पर यह मामला सुर्ख़ियों में है. बच्ची की तस्वीर मन को झकझोर देने वाली है. बच्ची को तड़पती देख दखने वालों की आंखें भी नम हो गई.
ग्रामीणों ने बच्ची को माना देवी मां का अवतार…
ग्रामीणों ने बच्ची को देवी मां का अवतार माना है. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने यह भी कहा कि माता रानी की कृपा से ही बच्ची सुरक्षित है. बता दें कि यह मामला हमीरपुर के कोतवाली क्षेत्र के नवैनी गांव का है.
इस मामले में उच्चीकृत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राठ के अधीक्षक अखिलेश कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि, झाड़ियों से बच्ची मिलने के बाद पुलिस को सूचित किया गया और उपचार हेतु नवजात को अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जानकारी मिली है कि जल्द ही बच्ची के पूर्णतः स्वस्थ होने पर बच्ची को गोद देने की कार्यवाही की जाएगी.