नवरात्रि में गरबा तो खूब खेला होगा, लेकिन क्या इसकी वजह जानते हो? राक्षस महिषासुर से है कनेक्शन
नवरात्रि (Shardiya Navratri 2022 ) का त्योहार शुरू हो चुका है। हर कोई माता रानी की भक्ति में लीन दिखाई दे रहा है। रात को बाजारों में गरबा-डांडिया (Garba and Dandiya) की रौनक रहती है। आप ने भी नवरात्रि में खूब गरबा-डांडिया देखें और खेले होंगे। लेकिन क्या आप इसे खेलने के पीछे की धार्मिक वजह जानते हैं? अधिकतर लोगों को ये नहीं पता होगा कि आखिर नवरात्रि में क्यों गरबा-डांडिया खेला जाता है। इतना ही नहीं गरबा और डांडिया ये दोनों अलग-अलग चीजें होती हैं। इनमें एक खास अंतर भी होता है।
गरबा और डांडिया में अंतर
नवरात्रि में भक्तजन माता रानी को प्रसन्न करने के लिए गरबा और डांडिया दोनों ही खेलते हैं। लेकिन कई लोगों को इसमें अंतर वाली बात पता नहीं होती है। वे इसे किसी भी नाम से पुकार देते हैं। वैसे तो गरबा और डांडिया दोनों ही नृत्य हैं, लेकिन इसे खेलने का तरीका थोड़ा सा अलग होता है। गरबा मां दुर्गा की आरती से पहले होता है। बल्कि डांडिया मां दुर्गा की आरती के बाद खेला जाता है।
इसके अलावा डांडिया खेलने के लिए दो स्टिक का इस्तेमाल होता है। इसी से अलग-अलग स्टाइल में नृत्य किया जाता है। वहीं यदि आप गरबा खेल रहे हैं तो आपको किसी भी सामान की जरूरत नहीं होती है। आप अपनी हथेलियों का इस्तेमाल करके भी नृत्य कर सकते हैं। तो अगली बार यदि कोई डांडिया और गरबा में कन्फ्यूज हो तो उन्हें ये अंतर जरूर बता देना।
गरबा और डांडिया का धार्मिक महत्व
गरबा और डांडिया में क्या अंतर है ये तो आप अच्छे से जान गए। लेकिन इसे नवरात्रि में क्यों किया जाता है इसकी असली वजह भी जान लीजिए। गरबा और डांडिया इन दोनों को मां दुर्गा की आराधना में किया जाता है। हालांकि इसका एक खास धार्मिक महत्व भी होता है। गरबा अक्सर मां दुर्गा की आरती से पहले उनकी प्रतिमा के पास जल रही ज्योत के पास होता है। इसे ज्योत के पास एक गोल आकार का शेप बनाकर किया जाता है। यह जीवन के गोल चक्र का प्रतीक होता है।
डांडिया की बात करें तो यह मां दुर्गा और महिषासुर के बीच हुए युद्ध का प्रतीक होता है। हम जिस रंगीन डंडियों से डांडिया खेलते हैं वह मां दुर्गा की तलवार को दर्शाती हैं। इस वजह से इसे तलवार नृत्य भी कहा जाता है। गरबा और डांडिया कर हम मां दुर्गा को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। कहते हैं नवरात्रि में यदि आप ने माता रानी को खुश कर दिया तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।