काम पर जाती और घर आकर मां के सामने रोती थी गुलशन कुमार की बेटी, ऐसी थी परिवार की हालत
गुलशन कुमार (Gulshan Kumar) संगीत की दुनिया का एक जाना-माना नाम थे। गुलशन ने संगीत की दुनिया में बड़ा नाम कमाया था। वे ‘कैसेट किंग’ के नाम से मशहूर थे। लेकिन अंडरवर्ल्ड ने उनकी हत्या करवा दी थी। अगस्त 1997 में गुलशन कुमार की हत्या हो गई थी। उन्हें दिन दहाड़े मुंबई में गोली मार दी गई थी।
गुलशन कुमार की हत्या पर काफी बवाल मचा था। अपने करियर में गुलशन कुमार बहुत बड़ा नाम कमा चुके थे। लोग उन्हें काफी पसंद करते थे लेकिन महज 48 साल की छोटी उम्र में उनका निधन हो गया था। तब उनके तीनों बच्चे छोटे-छोटे थे। गुलशन ने 24 साल की उम्र में सुदेश कुमारी से शादी की थी। दोनों के तीन बच्चे हुए। बेटा भूषण कुमार और दो बेटियां तुलसी कुमार एवं खुशाली कुमार।
गुलशन के बेटे भूषण और बेटी तुलसी इंडस्ट्री में अपनी पहचान बना चुकी हैं। वहीं अब कुछ कर गुजरने की चाह लिए खुशाली कुमार ने भी फिल्म इंडस्ट्री से बतौर अभिनेत्री अपना रिश्ता जोड़ लिया है। खुशाली अब बॉलीवुड अभिनेत्री बन गई है। 23 सितंबर को सिनेमाघरों में उनकी डेब्यू फिल्म ‘धोखा: राउंड डी कॉर्नर’ रिलीज हुई है।
अपनी पहली फिल्म में अभिनेत्री खुशाली जाने-माने अभिनेता आर माधवन के साथ काम करती हुई नजर आ रही हैं। फिल्म में अपारशक्ति खुराना भी नजर आ रहे हैं जो कि एक आतंकी की भूमिका में है वे खुशाली का अपहरण कर लेते हैं। फिल्म में खुशाली और आर माधवन पति-पत्नी की भूमिकाओं में देखने को मिल रहे हैं।
बॉलीवुड में डेब्यू कर चुकी खुशाली कुमार ने हाल ही में एक साक्षात्कार में अपने दिवंगत पिता गुलशन कुमार के निधन को लेकर भी बात की। साथ ही उन्होंने बताया कि उनकी मां उन्हें फिल्मों में काम करने नहीं दे रही थी। लेकिन मां को उन्होंने मना लिया और अपना यह सपना साकार कर लिया।
View this post on Instagram
हाल ही में एक समाचार चैनल से बातचीत में अभिनेत्री ने कहा कि, ‘उनके पिता गुलशन कुमार की मृत्यु के बाद स्थिति ऐसी थी, जिससे मां बहुत डर गई थीं. वे मुझे और मेरी बहन को दिल्ली ले गईं. भाई भूषण कुमार कंपनी की देखरेख कर रहे थे’। आपको जानकारी के लिए बता दें कि बॉलीवुड एक्ट्रेस से पहले खुशाली एक फैशन डिजाइनर भी हैं।
खुशाली ने अपनी बात जारी रखते हुए आगे कहा कि, ‘उस समय, टी-सीरीज के लिए 5000 से अधिक लोग काम कर रहे थे। मां हममें से किसी को भी कैमरे के सामने नहीं लाना चाहती थीं। दरअसल, भाई पिछले छह-सात सालों से लोगों के बीच मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। वे उससे पहले बाहर नहीं जाते थे। मम्मा ने हमसे कहा था, ‘कोई फर्क नहीं पड़ता कि तुम क्या करते हो, कैमरे के पीछे करो’। इसलिए, उन्हें मनाना पूरी एक प्रक्रिया थी।
आगे उन्होंने कहा कि, ‘मुझे याद है कि मैं 3 इडियट्स के सीन दिखा रही थी, जहां मैडी (आर माधवन) सर अपने पिता को अपने जुनून को पूरा करने की अनुमति देने के लिए मनाते हैं। मैं एक फैशन डिजाइनर थी और मेरे काम की सराहना हो रही थी। मैं अपने सारे विचार अपने काम में लगाती थी। मैं काम पर जाती, घर वापस आती और मम्मा के सामने रोती थी। मैंने उन्हें वह लेख भी दिखाया, जिसमें पापा थे और उन्होंने बार-बार बताया था कि अभिनय भी उनका सपना था। आखिर में, उन्होंने हार मान ली’।