जानें आज का गुड लक: धन-धान्य से अपना संसार भरने के लिए करें ये
आज शनिवार दिनांक 26.08.2017 के दिन भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पंचमी पड़ रही है। आज के दिन को ऋषि पंचमी पर्व के रूप में मनाया जाता है। हिन्दू धर्म शास्त्र ब्रह्माण्ड पुराण के अनुसार आज के दिन सप्त ऋषियों के साथ देवी अरुंधती के व्रत पूजन व स्थापना का विधान है। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति आज के दिन सप्त ऋषियों और देवी अरुंधती का पूजन करता है, उसे धन-धान्य, समृद्धि, संतान एवं सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
ऋषि पंचमी मनाई जाती है रक्षासूत्र या राखी के रूप में भी:
ऐसा कहा जाता है कि संसार में ऐसा कोई भी सुख नहीं है जो इस पूजा को करने से प्राप्त ना हो। कई जगहों पर ऋषि पंचमी का पर्व रक्षा सूत्र अर्थात राखी बाँधने के रूप में भी मनाया जाता है। यह पूजा कुँवारी कन्याओं के लिए काफी लाभदायक होता है। इस दिन जमीन से उगने वाले अन्न को ग्रहण नहीं किया जाता है। विष्णु पुराण के अनुसार सप्त ऋषि: कश्यप, अत्रि, भरद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और वशिष्ट हैं।
पूजन विधि:
हिन्दू धर्म में आज के दिन का काफी महत्व होता है, इसलिए आज के दिन विशेष पूजा का प्रावधान है। व्यक्ति को ज्ञान की प्राप्ति ऋषियों से ही होती है और आज सप्त ऋषियों की पूजा की जाती है, इसलिए ये दिन ख़ास हो जाता है। सबसे पहले उत्तर दिशा की तरफ मुँह करके भोजपत्र पर सप्त ऋषियों और देवी अरुंधती के नाम लिखें। अब इनका पंचोपचार पूजन दीप, धूप, पुष्प, गंध और नैवेद्य से करें। इसके बाद इस विशिष्ट मन्त्र का जाप करने के बाद प्रसाद को गरीबों में बाँट दें।
विशेष मंत्र:
कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोथ गौतमः। जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषयः स्मृताः। दहन्तु पापं सर्व गृह्नन्त्वर्ध्यं नमो नमः॥
पूजन मुहूर्त:
प्रातः 7:45 से प्रातः 09:05 तक। अथवा शाम 19:45 से रात 21:05 तक।
अभिजीत मुहूर्त:
दिन 11:57 से 12:47 तक।
अमृत काल:
प्रातः 09:07 से प्रातः 10:48 तक।
यात्रा महूर्त:
दिशाशूल – पूर्व, राहुकाल वास – पूर्व। अतः आज पूर्व दिशा की यात्रा टालें।
शुभ रंग:
नीला।
शुभ दिशा:
पश्चिम।
शुभ समय:
शाम 19:30 से शाम 20:30 तक।
शुभ मंत्र:
ॐ भूर्भुव स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥
शुभ टिप्स:
जीवन के दुर्भाग्य से मुक्ति के लिए आज के दिन किसी गरीब को काला छाता दान करें।
जन्मदिन के लिए शुभ:
आज के दिन काले शिवलिंग पर नारियल तेल चढ़ाने से कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
एनिवर्सरी के लिए शुभ:
आज के दिन दंपति द्वारा शनि मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाने से दांपत्य जीवन में मिठास आती है।