बेटा हो तो ऐसा:रिटायरमेंट के पैसों से बनाया माता-पिता का मंदिर,रोज भगवान की तरह उन्हें पूजता है
कहते हैं माता पिता भगवान का रूप होते हैं। वह हमारे सुनहरे भविष्य के लिए बहुत कुछ करते हैं। इसलिए हमारा भी ये फर्ज होता है कि हम उनकी सेवा करें, उन्हें वह मान सम्मान दें जिसके वे हकदार है। अब जहां कुछ कलयुगी बेटे बुढ़ापे में मां बाप का साथ छोड़ देते हैं तो कुछ श्रावण कुमार बनकर ऐसा काम कर देते हैं जो मिसाल बन जाता है। अब तमिलनाडु के मदुरै का यह मामला ही ले लीजिए। यहां एक शख्स ने अपने माता पिता के सम्मान में उनका मंदिर ही बना दिया।
बेटे ने माता-पिता के सम्मान में बनवाया मंदिर
रमेश बाबू एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी हैं। वे पुलिस विभाग में SI के पद पर थे। उन्हें अपने माता पिता से बहुत प्रेम है। वह अपने मां बाप को अपना भगवान मानते हैं। उनकी दिली तमन्ना थी कि वे माता पिता के लिए एक मंदिर बनाए। हालांकि काम में व्यस्त होने के चलते उन्हें समय नहीं मिला। ऐसे में जब वे रिटायर्ड हुए तो उन्होंने माता पिता के सम्मान में मंदिर का निर्माण किया।
मंदिर बनने के बाद रमेश बाबू रोज माता पिता की मूर्तियों को भगवान मानकर उन पर फूल हार चढ़ाते हैं और उनकी पूजा करते हैं। रमेश बाबू बताते हैं कि इस मंदिर के निर्माण के बाद उनके माता पिता का निधन हो गया। हालांकि इस मंदिर और मूर्ति के माध्यम से वे हमेशा उनके साथ रहते हैं।
तमिलनाडु: मदुरै में एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ने अपने घर पर अपनी मां और पिता के सम्मान में एक मंदिर बनाया।
रमेश बाबू (सेवानिवृत्त SI) ने बताया,”मैं उनके लिए एक मंदिर बनाना चाहता था लेकिन काम में व्यस्त होने के कारण नहीं बना पाया इसलिए मैंने इसे सेवानिवृत्ति के बाद बनाया।” pic.twitter.com/RrqIxqW7gI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 20, 2022
रमेश बाबू का अपने माता पिता के प्रति ये सम्मान देख लोग उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। लोग कहने लगे कि ये होता है असली बेटा। यदि सभी बच्चे अपने माता पिता के प्रति ऐसा सम्मान का भाव रखने लगे तो उन्हें धरती पर ही स्वर्ग का सुख मिल जाएगा।
पहले भी सामने आया ऐसा मामला
वैसे ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी बेटे ने अपने माता पिता का मंदिर बनवाया हो। इसके पहले यूपी के हरदोई जिले के गांव अतरजी में एक सरकारी कर्मचारी ने भी अपने रिटायरमेंट के बाद माता-पिता के सम्मान में मंदिर बनवाया था। लेखपाल रहे वीरेंद्र दीक्षित भी रमेश बाबू की तरह अपने दिवंगत माता-पिता की मूर्ति स्थापित कर रोज उनकी पूजा करते हैं।