राम मंदिर और गोरक्षा आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले आचार्य धर्मेंद्र का निधन,PM ने जताया शोक
गौरक्षा के लिए 52दिनों का अनशन करने वाले आचार्य धर्मेंद्र नहीं रहे, 80की उम्र में ली अंतिम सांस
आचार्य स्वामी धर्मेंद्र हिंदू प्रेमियों के बीच एक जाना माना नाम है। विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल में उनका अहम स्थान रहा है। हमे अत्यंत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आचार्य धर्मेन्द्र अब हमारे बीच नहीं रहे हैं। सोमवार 19 सितंबर सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
नहीं रहे हिंदू नेता
आचार्य का निधन राजस्थान के जयपुर में सवाई मानसिंह अस्पताल में हुआ। वह यहां मेडिकल आईसीयू में भर्ती थे। उनकी सेहत बीते एक महीने से खराब चल रही थी। उन्होंने 80 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली।
हिंदू नेता आचार्य स्वामी धर्मेंद्र 1966 के गोरक्षा आन्दोलन से लेकर श्री राम जन्मभूमि मुक्ति आन्दोलन तक कई जगह सक्रिय रहें। उन्होंने अपने जीवन का अधिकतर समय जयपुर के तीर्थ विराट नगर के पार्श्व पवित्र वाणगंगा के तट पर बिताया। उनके दो बेटे सोमेंद्र शर्मा और प्रणवेंद्र शर्मा हैं। बाल बच्चे वाले होते हुए भी उन्हें साधू संतो की भाति आदर और सम्मान मिलता था।
हिंदुत्व को समर्पित था संपूर्ण जीवन
आचार्य ने अपने जीवन का अधिकतर हिस्सा हिंदी, हिंदुत्व और हिन्दुस्थान को समर्पित किया। वे अपने पिता महात्मा रामचन्द्र वीर महाराज के पद चिह्नों पर चले। उनकी तरह आजीवन भारत की सेवा, अनशन, सत्याग्रह, जेल यात्राएं, आंदोलनों एवं प्रवासों में लगे रहे। उनके पिता ने अनशन कर स्वयं को नरकंकाल जैसा बना लिया था।
1966 के गोरक्षा आंदोलन में आचार्य धर्मेंद्र का अहम योगदान रहा। उन्होंने तब देश के समस्त समुदायों, साधु संतो और संस्थाओं संग बड़ा सत्याग्रह आन्दोलन किया। इस दौरान वे 52 दिनों तक अनशन पर बैठे। राम मंदिर मामले की वजह से भी वह सुर्खियों में रहे। जब बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर निर्णय आने वाला था तो उन्होंने कहा था ‘मैं आरोपी नंबर एक हूं। मैंने जो कुछ किया है, सभी के सामने किया है। मैं सजा से नहीं डरता।’
आचार्य के जाने पर शौक की लहर
आचार्य धर्मेंद्र ने अप्रैल 1984 में विश्व हिन्दू परिषद् की ओर से धर्म संसद में राम जन्मभूमि के द्वार से ताला खुलवाने को लेकर जो जनजागरण यात्राएं हुई थी उसका प्रस्ताव पारित करवाने में एवं राम जानकी रथ यात्रा में अहम भूमिका निभाई। उनके निधन पर कई हिंदू संगठनों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया। मोदी ने कहा कि आचार्य धर्मेन्द्र का जाना धार्मिक और आध्यात्मिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
समाज और राष्ट्रसेवा में समर्पित श्रीमद् पंचखण्ड पीठाधीश्वर आचार्य धर्मेंद्र जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना धार्मिक और आध्यात्मिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे। ओम शांति!
— Narendra Modi (@narendramodi) September 19, 2022
बताते चलें कि इसके पहले मोदी ने आचार्य धर्मेंद्र के स्वास्थ्य को लेकर चिंता भी व्यक्त की थी। वहीं लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला,राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया सहित कई नेता उनकी सेहत को लेकर चिंता करते दिखाई दिए थे।