आज और कल की रात भूलकर भी ना करें चाँद के दर्शन वरना भुगतने पड़ सकते हैं आपको भयानक परिणाम
भारत में हिन्दू धर्म एक प्रमुख धर्म के रूप में माना जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यहाँ किसी और धर्म को जगह नहीं दी गयी है। यहाँ सर्वधर्म समभाव की परम्परा सदियों से चलती आ रही है। इस देश में कई धर्मों के लोग साथ मिलकर सम भाव से रहते हैं। सभी को अपने-अपने धर्म के हिसाब के कार्य करने की आजादी है। लोगों के ऊपर जबरदस्ती धर्म थोपने का काम नहीं किया जाता है।
बिना गणपति के स्मरण के शुरू नहीं होता कोई कार्य:
हालांकि भारत में हिन्दू धर्म मानने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है, इसलिए यहाँ पर हिन्दू देवी-देवताओं के सबसे ज्यादा मंदिर देखने को मिलते हैं। भारतीय संस्कृति के मूल आधार धर्म में किसी भी कार्य की शुरुआत या पूजा की शुरुआत भगवान गणपति से ही की जाती है। गणपति का स्मरण किये बगैर कोई कार्य शुरू नहीं किया जाता है। यह भी माना जाता है कि अगर इनकी आराधना किये बगैर ही कार्य की शुरुआत की जाए तो उसकी सफलता में संदेह बन जाता है।
ज्ञान और विवेक का प्रतिक माना जाता है गणपति को:
हिन्दू धर्म में किसी भी देवी देवता की पूजा से पहले भगवान गणेश की पूजा की परम्परा है। सदियों पहले उन्हें यह वरदान भगवान शंकर ने दिया था। घरों के दरवाजों पर भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र जरुर लगा होता है। किसी भी पवित्र कार्य का शुभारम्भ गणेश निमंत्रण से होता है। ऐसा माना जाता है कि यह करने से कार्य में किसी भी तरह का विघ्न नहीं पड़ता है और लक्ष्य की प्राप्ति होती है। भगवान गणेश को ज्ञान और विवेक का प्रतिक माना जाता है।
चन्द्र दर्शन से करना पड़ सकता है कलंक का सामना:
सिद्धि विनायक श्री गणेश जी के जन्मोत्सव को गणेश चतुर्थी, कलंक चौथ या पत्थर चौथ के नाम से जाना जाता है। इस दिन सभी हिन्दू घरों में पूजन करने का विधान है। इस दिन चाँद के दर्शन करने पर मनाही है। यह मान्यता है कि जो भी इस दिन चन्द्रमा के दर्शन करता है, उसके ऊपर झूठे आरोप लगने और किसी कलंक का सामना करना पड़ता है। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देते समय धरती की तरफ मुख रखना चाहिए और चंद्रमा की केवल कल्पना करनी चाहिए।
चन्द्र दर्शन करने की वजह से श्रीकृष्ण पर लगा था हत्या का आरोप:
हिन्दू धर्म शास्त्रों में इसके ऊपर एक कहानी भी है। माना जाता है कि एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने इस दिन गलती से चंद्रमा को देख लिया था और फलस्वरूप उनके ऊपर हत्या का आरोप लगा था। केवल यही नहीं उनके ऊपर स्मयन्तक मणि को चुराने का भी आरोप लगा था। आजकल इस मणि को कोहिनूर हीरे के नाम से जाना जाता है जो इंग्लैंड में रखा हुआ है। इस दिन आप हाथ में फल लेकर या दही लेकर भी दर्शन कर सकते हैं।
24 अगस्त वृहस्पतिवार:
आज के दिन पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और हिमांचल प्रदेश में चंद्रमा के दर्शन ना करें। आज चंद्रमा रात को 9:20 पर अस्त होगा।
25 अगस्त शुक्रवार:
कल के दिन महाराष्ट्र और गुजरात में चन्द्र दर्शन को निषेध किया गया है। कल चंद्रमा 9:30 पर अस्त होगा।