प्रभु ने दिया इस्तीफा! क्या पीएम मोदी को रेलमंत्री का इस्तीफा स्वीकार कर लेना चाहिए?
नई दिल्ली – रेलवे के यात्रियों कि सुरक्षा के सारे दावे बेबुनियाद साबित हुए हैं। बुधवार को 5 दिन के भीतर ही उत्तर प्रदेश में ही दूसरा ट्रेन हादसा हो गया। इस बार आजमगढ़ से दिल्ली आ रही कैफियत एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के औरैया के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। मानव रहित फाटक पर फंसे एक डंपर से ट्रेन टकरा गई और उसके 12 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इससे पहले पिछले शनिवार को भी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में उत्कल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई थी। Suresh prabhu offers resign.
रेल हादसों के कारण सुरेश प्रभु ने दिया इस्तीफा
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने आज रेल हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हालांकि, पीएम मोदी ने इस्तीफा स्वीकार न करते हुए इन्हें इंतजार करने के लिए कहा है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में पिछले पांच दिनों में दो ट्रेनें पटरी से उतर गईं जिसके बाद विपक्ष रेलमंत्री पर इस्तीफा देने का दबाव डाल रहा है।
इसी हंगामे के कारण रेलवे बोर्ड चेयरमैन एके मित्तल ने भी इस्तीफा दे दिया है। सुरेश प्रभु ने ट्वीट कर कहा कि, वो इन हादसों से दुखी हैं और उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री से बात की है। उन्होंने लिखा, “दुर्भाग्यपूर्ण हादसों, यात्रियों की जीवन क्षति, से बेहद दुखी हूं। मैं इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रधानमंत्री से मिला था, लेकिन उन्होंने मुझसे इंतजार करने को कहा है।”
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने भी दिया इस्तीफा
पांच दिनों के भीतर लगातार दो ट्रेन हादसों के बाद रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अशोक कुमार मित्तल ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मित्तल ने अपना इस्तीफा रेल मंत्री सुरेश प्रभु को सौंपा। हालांकि, इसके कुछ ही देर बाद सुरेश प्रभु ने भी मोदी से मुलाकात कि और हादसों कि नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देने की बात कही। पीएम मोदी न सुरेश प्रभु का इस्तीफा मंजूर न करते हुए उन्हें इंतजार करने के लिए कहा है।
हालांकि, खबरों के मुताबिक मित्तल के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया गया है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने अपने इस्तीफे में व्यक्तिगत कारणों को इस्तीफे कि वजह बताई है। लेकिन, जिस समय पर उन्होंने इस्तीफा दिया है उससे माना जा रहा है कि उत्तर रेलवे में पिछले पांच दिनों में हुई दो बड़ी रेल घटनाओं की वजह से ही उन्होंने ऐसा कदम उठाया है।