लगातार दो ट्रेन हादसों के बाद रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने दिया इस्तीफा
बीते एक हफ्ते में उत्तरप्रदेश में हुए दो ट्रेन हादसों के बाद रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल को इस्तीफा देना पड़ा है। 19 अगस्त को मुजफ्फरनगर के खतौली में हुए भयंकर रेल हादसे के बाद बुधवार तड़के यूपी के ओरैया में भी रेल हादसा हुआ है, आज तड़के उत्तरप्रदेश में इंजन सहित कैफियत एक्सप्रेस के 10 डब्बे पटरी से उतर गएं जिसमें 74 से ज्यादा यात्री घायल हो गये हैं। दूसरी तरफ मंगलवार के रात में ही सूत्रों के हवाले से यह यह खबर आ रही थी कि रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल को इस्तीफा देना पड़ सकता है, क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय इस मामले को लेकर सख्त है और संबंधित पक्ष के बचाव की दलील को सुनने की जगह कार्रवाई के पक्ष में है।
कलिंगा एक्सप्रेस मामले में पहले ही कई अधिकारियों पर गिर चुकी है गाज
शनिवार को मुजफ्फरनगर के निकट पुरी से हरिद्वार जाने वाली कलिंगा उत्कल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी, जिसमें 23 यात्रियों की मौत हो गयी थी और 97 यात्री घायल हो गये थे। कलिंगा एक्सप्रेस मामले में रेलवे ने पूर्व में कार्रवाईयां कर चुकी है। हादसों पर घिरने के बाद सुरेश प्रभु ने उत्कल ट्रेन एक्सिडेंट पर जिम्मेदारी तय करने को कहा था। इसके बाद, रेलवे ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नॉर्दर्न रेलवे के जीएम आरएन कुलश्रेष्ठ और दिल्ली रीजन के डीआरएम आर.एन. सिंह को छुट्टी पर भेज दिया था। कुछ अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया, जिनमें पी-वे डिपार्टमेंट के जेई, एसएसई, सेक्शन के एईएन और दिल्ली के सीनियर डीईएन शामिल थे। वहीं, चीफ ट्रैक इंजिनियर का भी तबादला कर दिया गया था।
एक साल का कार्यकाल बचा था
एके मित्तल 1976 बैच के इंडियन रेलवे स्टोर सर्विस के अधिकारी हैं.. उन्हें पिछले साल 29 जुलाई को सरकार ने दो साल दो दिन का कार्यकाल विस्तार दिया था, उनके कार्यकाल विस्तार पर केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति मामलों की समिति ने मुहर लगायी थी। इस तरह वे पद पर 31 जुलाई 2018 तक बने रह सकते थे, लेकिन रेल दुर्घटनाओं के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा है।