चौकीदार के बेटे को थैली से गिरे हुए मिले 45 लाख के हिरे, हिरे देख कर ही आंखें चौंधिया गई और फिर
दुनिया में अगर बेईमान लोग हैं तो ईमानदार लोगों की भी कमी नहीं है. कहना ग़लत नहीं है कि अच्छे और सच्चे लोगों की वजह से ही दुनिया चल रही है. ऐसे लोग समाज में औरों के लिए प्रेरणा बनते हैं. ऐसा ही एक ईमानदारी का उदहारण पेश किया है गुजरात के एक बेटे ने. उसकी ईमानदारी का किस्सा सुनकर सब हैरान हैं. गुजरात के सूरत में एक चौकीदार के बेटे (विशाल) को 45 लाख का हीरा मिला. 45 लाख का हीरा देखकर किसी की भी नीयत डोल सकती है. पर विशाल के साथ ऐसा नहीं हुआ. उसने उस हीरे को उसके असली मालिक तक सही सलामत पहुंचा दिया. विशाल की इस ईमानदारी को देखकर उसे सम्मानित भी किया गया.
क्या है पूरा मामला :
हुआ यूं कि सूरत हीरा संघ के परिसर में एक चौकीदार के बेटे को थैली गिरी हुई मिली. जब विशाल ने थैली खोलकर देखा तो उसकी आंखें चौंधिया गई. उस थैली में करीब 45 लाख के हीरे थे. पर उसने ये हीरे की थैली अपने पास नहीं रखी बल्कि ईमानदारी दिखाते हुए उसे उसके असली मालिक को सौंप दिया. जिसके बाद संघ ने उसे सम्मानित भी किया.
मनसुखभाई हीरे के कारोबारी हैं. रविवार के दिन हीरों से भरी थैली उनके जेब से गिर गयी थी. पास ही मैं चौकीदार का बेटा विशाल अपने कुछ दोस्तों के साथ क्रिकेट खेल रहा था. जब विशाल की नज़र उस थैली पर पड़ी तो उसे अपने साथ घर ले गया और अपने पिता को दिखाया. फिर उसके पिता ने यह हीरे संघ को लौटा दिए. सीसीटीवी फुटेज से हीरों के असली मालिक का पता लगाया गया और हीरा मनसुखभाई को दे दिया गया.
शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में संघ ने पिता-बेटे की इस ईमानदारी को सम्मानित किया. उनके इस ईमानदारी को देखते हुए संघ के पूर्व अध्यक्ष दिनेश नवादिया ने विशाल की एक साल की शिक्षा का खर्च उठाने का वादा किया. हम आपको बता दें कि दुनिया में हीरे तराशने का सबसे बड़ा केंद्र सूरत ही है.