Trending

फेसबुक ने मिलाया 70 साल पहले बिछड़े एक परिवार को, जानकर हो जायेंगे हैरान

नवांशहर: आज का दौर सोशल मीडिया का दौर है। सोशल मीडिया के आने के बाद से लोगों को कई फायदे हुए हैं। फेसबुक के माध्यम से कई बिछड़े हुए दोस्त मिले हैं, जो हैरान करते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं, जो 70 सालों बाद फेसबुक की मदद से मिले, इनकी कहानी जानकर आपकी हैरानी का ठिकाना नहीं रहेगा। यह कहानी उस समय शुरू होती है जब 1947 में भारत और पाकिस्तान का बँटवारा हुआ था।

बँटवारे के दौरान पाकिस्तान में रह गए राहों के सुन्दर सिंह काहलों की दो बेटियाँ पाकिस्तान में रहती थी, जिन्होंने 70 साल बाद अपने परिवार को फेसबुक की मदद से ढूंढ लिया। उनके इस मिलाप के बाद दोनों घर में शादी जैसा माहौल बना हुआ है। नवांशहर कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता तेजिन्द्र पाल सिंह काहलों ने बताया कि 12 अगस्त को वह अपने खेतों में काम कर रहे थे, तभी अचानक उनका मोबाइल बजा। यह फ़ोन पाकिस्तान से आया हुआ था।

भारत-पाक बंटवारे के दौरान एक चाचा रह गए थे पाकिस्तान में:

फ़ोन पर एक महिला थी जिसनें पूछा कि क्या आप साधू सिंह के बेटे हो? यह सुनकर तेजिन्द्र ने कहा नहीं! वह उनके भाई सुविन्द्र सिंह का बेटा है। इतना सुनने के बाद महिला ने खुश होते हुए कहा कि पाकिस्तान से उसकी बुआ बोल रही है। तेजिन्द्र ने बताया कि उनके पिता ने बताया था कि 1947 भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान उनका एक चाचा सुन्दर सिंह पाकिस्तान में ही रह गया था। उस समय वह 40 साल के थे और उनकी शादी नहीं हुई थी।

पाकिस्तान में रहने के बाद भी ढूंढना बंद नहीं किया परिवार को:

बाद में उन्होंने इस्लाम अपना लिया और अपना नाम बदलकर दीन मुहम्मद रख लिया। जबकि भारत आया उनका परिवार 1950 में राहों में बसने लगा। 1947 में नूरमहल से गए एक मुसलामन परिवार की लड़की शरीफां से उन्होंने शादी कर ली। दीन मुहम्मद की दो बेटियाँ हुई, पहली रिकावत बीबी काहलों और दूसरी साजिदा प्रवीन काहलों। दोनों बेटियों ने बताया कि 1970 में उनके पिता की मौत हो गयी। उनके माँ की मौत 1994 में हुई। दोनों बहनों की शादी लाहौर में बाजवा परिवार में हो गयी। इसके बाद भी उन्होंने भारत में रहने वाले पाने परिवार को ढूंढना बंद नहीं किया।

सोशल मीडिया ने मिलाया है कई बिछड़े हुए परिवारों को:

दोनों बहनों ने बताया कि किसी तरह 1970 में परिवार का पता ढूंढकर एक पत्रकार को राहों भेजा था, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। बहनों ने बताया कि उनके पिता अपने भाइयों से मिलने के लिए तड़पते रहे। अब बिछड़े हुए परिवार से मिलकर ऐसा लग रहा है, जैसे उनका दुबारा जन्म हुआ है। उन्होंने सोशल मीडिया का धन्यवाद करते हुए कहा कि इसकी मदद से कई बिछड़े हुए परिवार मिले हैं। तेजिन्द्र ने बताया कि उनके पिता अपनी बहनों से मिलकर बहुत खुश हैं। वह जल्दी ही उनसे मिलने के लिए पाकिस्तान जाने का मन बना रहे हैं।

Back to top button