इस बड़े एक्टर की शादी में बाराती बने थे राज कपूर-दिलीप कुमार, छोटे से रणधीर कपूर भी हुए थे शामिल
हिंदी सिनेमा के दो दिग्गज कलाकार एक दिलीप कुमार और दूसरे राज कपूर… इनकी जोड़ी इंडस्ट्री की पॉपुलर जोड़ी थी, वहीं इनकी दोस्ती के चर्चे दूर-दूर तक थे। दिलीप कुमार और राज कपूर ने हिंदी सिनेमा में भी एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। यूं तो यह दोनों ही सितारे हमारे बीच नहीं रहे लेकिन इनकी जिंदगी से जुड़े किस्से कहानियां आज भी चर्चा में रहती है।
कई बार इन कलाकारों के जीवन से जुड़ी बातों का जिक्र किया जाता है। इसी बीच राज कपूर और दिलीप कुमार की एक पुरानी तस्वीर सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रही है जिसमें वह एक बड़े अभिनेता की शादी में शामिल हुए थे और यह दोनों बाराती बनकर पहुंचे थे। आइए जानते हैं इस वायरल तस्वीर के बारे में..
नन्हे रणधीर भी बने थे बाराती
दरअसल, राज कपूर और दिलीप कुमार उस दौर के जाने-माने अभिनेता प्रेम नाथ की शादी में शामिल हुए थे। प्रेम नाथ की शादी साल 1952 में हुई थी। ऐसे में यह तस्वीर करीब 70 साल पुरानी है लेकिन वर्तमान में सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से चर्चा में है और फैंस भी इस तस्वीर को काफी पसंद कर रहे हैं।
बता दें, प्रेमनाथ राज कपूर के साले साहेब थे। ऐसे में वह अपने दोस्त दिलीप कुमार के साथ उनकी शादी में शामिल होने पहुंचे थे। प्रेमनाथ ने अभिनेत्री बिना रॉय के साथ शादी रचाई थी। इस दौरान राज कपूर और दिलीप कुमार बाराती बनकर शामिल हुए। तस्वीर में देखा जा सकता है कि प्रेमनाथ दूल्हा बने हुए घोड़ी पर बैठे हुए हैं और उनके अगल-बगल में राज कपूर और दिलीप कुमार खड़े हुए हैं। इतना ही नहीं बल्कि दूल्हे बने प्रेमनाथ के साथ घोड़ी पर छोटे से रणबीर कपूर भी बैठे थे।
प्रेमनाथ की फैन थीं बीना रॉय
बता दें, जब प्रेमनाथ की शादी हुई थी तब उनकी उम्र केवल 26 साल थी। बीना रॉय उनकी बहुत बड़ी फैन थी तो वही प्रेमनाथ भी उनकी सादगी पर फ़िदा थे। प्रेम नाथ और बीना फिल्म ‘औरत’ में एक साथ काम किया। साल 2017 में प्रेम नाथ और बीना रॉय के बेटे मोंटी नाथ ने एक इंटरव्यू के दौरान अपने माता-पिता के बारे में बातचीत करते हुए कहा था कि, ”मॉम डैड की फैन थीं। उन्होंने पहली बार साल 1953 में आई फिल्म औरत में साथ काम किया। एक सुपरस्टार के सामने मां नर्वस थीं। पापा उनकी सादगी पर फिदा थे। धीरे-धीरे दोनों में प्यार हो गया और दोनों ने शादी कर ली। रणधीर कपूर उस वक्त बहुत छोटे थे, वो शादी के वक्त घोड़े पर पापा के साथ बैठे थे।”
इसके अलावा उन्होंने बताया था कि, “शादी के बाद मेरे माता-पिता ने अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी शुरू की थी। उन्होंने साल 1953 में फिल्म ‘शगुफा’ बनाई जो ज्यादा चल नहीं पाई। इसके बाद की फिल्म जैसे ‘गोलकुंडा के कैदी’,’समुंदर’, ‘हमारा वतन’ और ‘चंगेज खान’ भी फ्लॉप रहीं। शादी के बाद उनका चार्म नहीं चला। लेकिन मां की ‘अनारकली’, ‘ताजमहल’ और ‘घूंघट’ जैसी फिल्में हिट रहीं। ‘घुंघट’ के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।”