श्रीदेवी संग रोमांस करने के लिए तड़प उठे थे गोविंदा लेकिन एक फिल्म के बाद साथ नहीं किया काम
हिंदी सिनेमा की पहली महिला सुपरस्टार रही श्रीदेवी ने बहुत छोटी उम्र में ही फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था. उनके फ़िल्मी करियर की शुरुआत बाल कलाकार के रुप में हुई थी. उनका फ़िल्मी करियर 50 साल का था. महज चार साल की उम्र में उन्होंने पहली बार काम किया था.
दक्षिण भारतीय सिनेमा से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत करने वली श्रीदेवी ने बाद में बड़ी होने पर हिंदी सिनेमा का भी रुख किया. हिंदी सिनेमा में श्रीदेवी ने अपनी अदाकारी, डांस और खूबसूरती का ऐसा जादू चलाया कि उन्हें बॉलीवुड की पहली महिला सुपरस्टार होने का तमगा मिला.
बॉलीवुड के बड़े-बड़े दिग्गजों संग श्रीदेवी ने काम किया. 80 और 90 के दशक में श्रीदेवी ने बॉलीवुड में खूब नाम कमाया. उनका अभिनय हमेशा अव्वल दर्जे का रहा. वहीं वे डांस भी बेहद गजब का करती थीं और उनकी खूबसूरती पर भी दर्शक फ़िदा थे. दर्शकों और फैंस के साथ ही बॉलीवुड के कई बड़े एक्टर्स भी श्रीदेवी को पसंद करते थे.
उस दौर में हर एक्टर श्रीदेवी संग काम करना चाहता था. सुपरस्टार गोविंदा भी उनके दीवानों में से एक थे. गोविंदा श्रीदेवी संग काम करने के लिए बेताब थे. दोनों ने साथ में काम भी किया. हालांकि जो दोनों की पहले फिल्म थी वो ही दोनों की साथ में आख़िरी फिल्म भी थी.
श्रीदेवी और गोविंदा ने फिल्म ‘गैरकानूनी’ में साथ काम किया था. यह फिल्म साल 1989 में आई थी. फिल्म में गोविंदा और श्रीदेवी के रजनीकांत एवं किमी काटकर भी नजर आई थी. फिल्म के निर्देशक प्रयाग राज थे. बता दें कि गोविंदा वाला रोल पहले चंकी पांडे को ऑफर हुआ था लेकिन उनके मना करने के बाद गोविंदा को लिया गया.
गोविंदा को जब पता चला कि फिल्म में श्रीदेवी भी है तो उन्होंने झट से फिल्म के लिए हां कर दी. लेकिन पहले गोविंदा श्रीदेवी के अपोजिट वाले रोल के लिए नहीं थे. श्रीदेवी के अपोजिट रजनीकांत और गोविंदा किमी काटकर के अपोजिट थे. हालांकि गोविंदा श्रीदेवी के अपोजिट काम करना चाहते थे.
श्रीदेवी का हीरो बनने के लिए गोविंदा ने निर्देशक प्रयासग राज से बहुत जिद्द की. लेकिन प्रयाग ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो रजनीकांत और किमी की जोड़े नहीं जमेगी. लेकिन गोविंदा नहीं माने. बताया जाता है कि एक बार गोविंदा प्रयाग राज के पास पहुंचे और उन्होंने श्रीदेवी के अपोजिट रोल के लिए प्रयाग राज के पैर पकड़ लिए.
प्रयाग राज गोविंदा की इस बात पर पिघल गए और उन्होंने अपमा मन बदल लिया. आखिरकार प्रयाग राज ने गोविंदा के बार बार कहने पर उन्हें श्रीदेवी का हीरो बना दिया. फिल्म साल 1989 में रिलीज हुई थी और सफल साबित हुई थी. लेकिन इसके बाद कभी श्रीदेवी और गोविंदा ने साथ में काम नहीं किया.