जन्म के ढाई महीने तक दिया मिर्जा ने नहीं लिया था अपने बेटे को गोद, वजह बता कर रो पड़ी एक्ट्रेस
बॉलीवुड की कई फिल्मों में अपनी एक्टिंग का हुनर दिखा चुकी मशहूर अभिनेत्री दिया मिर्जा आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है। बता दे दिया मिर्जा ने दो शादियां रचाई है हालांकि उनकी पहली शादी ज्यादा दिन नहीं टिकी। इसके बाद उन्होंने दूसरी शादी वैभव रैखी के साथ रचाई और शादी के 4 महीने बाद ही उन्होंने मई 2021 को बेटे को जन्म दिया।
उनके बेटे का नाम अव्यान है। हालांकि, मां बनने के बाद दिया मिर्जा को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। हाल ही में उन्होंने अपनी डिलीवरी पर बातचीत की जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे एक समय पर वह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही थी। इतना ही नहीं बल्कि उस स्थिति में उनके बेटे की जिंदगी भी खतरे में पड़ गई थी। आइए जानते हैं दिया मिर्जा ने ऐसा क्या कहा?
शादी के महज 4 महीने बाद ही मां बनी है दिया मिर्जा
सबसे पहले हम आपको बता दें कि दीया मिर्जा ने साल 2014 अक्टूबर में अपने बिजनेस पार्टनर साहिल संघा के साथ शादी रचाई थी लेकिन साल 2019 में इन दोनों का रिश्ता टूट गया। इसके बाद दीया मिर्जा ने साल 2021 में बिजनेसमैन वैभव रैखी के साथ शादी रचाई। बता दे वैभव और दीया मिर्जा दोनों की यह दूसरी शादी है।
दरअसल इससे पहले वैभव भी शादी रचा चुके थे जिससे उनको एक बेटी भी हुई लेकिन इसके बाद उनका तलाक हो गया। पत्नी से अलग होने के बाद वैभव ने दिया मिर्जा से शादी रचाई और उनकी बेटी भी उन्हीं के साथ है। वही दिया मिर्जा ने बेटे को जन्म दिया है। लेकिन बेटे के जन्म के बाद दीया मिर्जा को कई मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा।
हाल ही में हुए इंटरव्यू के दौरान दिया मिर्जा ने मुश्किल दिनों को याद करते हुए कहा कि, “मेरा प्रेग्नेंसी का दौरा काफी मुश्किलों में गुजरा। पांचवें महीने में मुझे एक अपेंडिक्स सर्जरी करानी पड़ी थी और इसी सर्जरी की वजह से बॉडी में कुछ बैक्टीरिया संक्रमण पहुंच गए। मेरी प्लेसेंटा में रक्तस्राव हो रहा था और डॉक्टर ने मुझसे कहा कि बच्चे को बाहर निकालना पड़ेगा नहीं तो मैं सेप्सिस में जा सकती हूं। यह हम दोनों के लिए जानलेवा था और जन्म के 36 घंटे के अंदर बच्चे को सर्जरी से गुजरना पड़ा।”
दिया को नहीं थी बेटे को गोद में लेने की इजाजत
आगे एक्ट्रेस ने कहा कि, “अव्यान को एक और सर्जरी से गुजरना पड़ा और इस दौरान मैं अपने बच्चे के पास फिजिकली तौर पर नहीं थी। जन्म के करीब साढ़े तीन महीने बाद बेटे की एक और सर्जरी हुई। वह उस समय एनआईसीयू में था। उसके पैदा होने के करीब ढाई महीने तक मुझे उसे गोद में लेने में इजाजत नहीं थी।”
दिया ने कहा कि, “यह सब कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुआ और उस वक्त सख्त नियमों का पालन करना पड़ा था। उस दौरान बेटा काफी नाजुक था और कोविड का समय था और इसी वजह से मुझे हर नियमों का पालन करते हुए उससे दूर रहना पड़ा। उस दौरान मुझे सप्ताह में केवल दो बार अपने बेटे को देखने की इजाजत मिलती थी। इन सबके बीच मुझे इस बात का पूरा विश्वास था कि वह मुझे नहीं छोड़ेगा और जिंदगी की जंग लड़कर मेरे पास आएगा।”
बात की जाए दीया मिर्जा के करियर के बारे में तो उन्होंने साल 2001 में रिलीज हुई फिल्म ‘रहना है तेरे दिल में’ के माध्यम से अपने करियर की शुरुआत की थी। इससे पहले दीया मिर्जा ने साल 2000 में मिस इंडिया एशिया पेसिफिक का खिताब अपने नाम किया था।