चीन ने चली नई चाल, भारत के पड़ोसी देश नेपाल को बरगला रहा भारत के खिलाफ,जानें पूरा मामला
बीजिंग: भारत और चीन के रिश्ते दिन-प्रतिन और ख़राब होते जा रहे हैं। इधर भारत अपने तरफ से डांटा हुआ है और उधर चीन भारत के खिलाफ चाल चलने से बाज नहीं आ रहा है। अब चीन की नई चाल सामने आयी है। चीन भारत के पड़ोसी देश नेपाल को उसके खिलाफ बरगलाने का काम शुरू कर दिया है। बीजिंग के सरकारी मिडिया ने कहा कि चीन-नेपाल ट्रेड रूट, भारत-नेपाल ट्रेड रूट का विकल्प है।
ज्यादातर नेपाली लोगों का मानना यह है कि अगर चीन-नेपाल ट्रेड रूट बेल्ट और रोड के तहत आया तो वो चमुच कुटनीतिक आजादी प्राप्त कर लेंगे। भारत और चीन के बीच लगभग 3 महीने से डोकलाम विवाद को लेकर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। इस स्थिति में हाल में में चीन के सरकारी मीडिया के इस नजरिये के सामने आने के बाद से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बीजिंग अब नेपाल को भारत के खिलाफ खड़ा करने की चाल चल रहा है।
नेपाल में इन्वेस्टमेंट के मामलेमें चीन ने छोड़ा भारत को पीछे:
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में रविवार को एक कमेन्ट किया गया गया था। इस कमेन्ट का टाइटल, ‘विल काठमांडू स्विंग टू बीजिंग एंड स्टे अवे फ्रॉम नई दिल्ली’ दिया है। अखबार की मानें तो चं लगातार नेपाल में अपना इन्वेस्टमेंट बढ़ाता जा रहा है। हालत यह हो गयी है कि चीन नेपाल का सबसे बड़ा फॉरेन इन्वेस्टर बन गया है। चीन ने भारत को इस मामले में 2016 में ही काफी पीछे छोड़ दिया था।
हाल ही में किया था चीनी उप प्रधानमंत्री ने नेपाल का दौरा:
उधर दूसरी तरफ नेपाल ने भी चीन की तरफ काफी झुकाव दिखाया है। अखबार में लिखा गया है कि, ‘चीन के उप प्रधानमंत्री वांग यांग ने हाल ही में नेपाल का दौरा किया था। इस यात्रा से दोनों देशों के सम्बन्ध बहुत ज्यादा सुधरे हैं। भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नेपाल दौरे के बाद ही वांग ये नेपाल दौरा हुआ था। ज्यादातर भारतियों का यह मानना है कि वांग का यह दौरा, नेपाल को लेकर भारत-चीन के बीच चल रहे प्रतियोगिता का उदाहरण है।
नेपाल में 2017 में अब तक कुल 15 अरब नेपाली रूपये का फॉरेन इन्वेस्टमेंट हुआ है। इस पुरे इन्वेस्टमेंट में से अकेले चीन ने 8.35 अरब नेपाली रूपये का इन्वेस्टमेंट किया है। अगर भारत का नेपाल में विदेशी इन्वेस्टमेंट देखा जाए तो वह चीन के मुकाबले काफी कम है। भारत ने 2017 में मात्र 1.99 अरब नेपाली रूपये का इन्वेस्टमेंट किया है। हाल ही में मार्च के महीने में हुई नेपाल की इन्वेस्टमेंट समिट में चीन ने नेपाल को 8.2 अरब की मदद का दावा किया है।