मुकेश अंबानी के बचपन की ये 5 बातें नहीं जानते होंगे आप, तस्वीरों में देखें कैसे बीता उनका जीवन
संघर्षों में बीता मुकेश अंबानी का बचपन, दो कमरे के साधारण से घर में रहता था पूरा परिवार
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी को कौन नहीं जानता। उनकी गिनती भारत ही नहीं बल्कि एशिया के टॉप बिजनेसमैन में होती है। आज उनके पास खरबों रुपए की दौलत है। वे मुंबई के सबसे महंगे और आलीशान 27 मंजिला मकान ‘एंटीलिया’ में रहते हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी था जब मुकेश अंबानी को लाइफ में संघर्ष भरे दिन देखने पड़े थे। आज हम आपको मुकेश अंबानी के बचपन से जुड़ी कुछ रोचक बातें बताने जा रहे हैं।
मुकेश अंबानी के बचपन की रोचक बातें
1. मुकेश अंबानी का जन्म 19 अप्रैल 1957 में यमन के अदेन शहर में हुआ था। यहां उनके पिता धीरूभाई अंबानी करीब 8 साल तक रहे थे। फिर वे मुंबई आकर मसालों का व्यापार करने लगे। यहां वे अपनी पत्नी कोकिलाबेन और चार बच्चों मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी, दीप्ती सलागोनकार और नीना कोठारी संग दो कमरे के साधारण से मकान में रहने लगे। ये मकान भुलेश्वर जय हिंद स्टेट (जिसे आज वेनीलाल हाउस के नाम से जाना जाता है) में था। इस मकान में वे 1970 तक रहे।
2. धीरुभाई अंबानी ने अपने व्यापार को अपनी सूझबुझ से अलग मुकाम पर पहुंचाया। वे अच्छा खासा पैसा कमाने लगे। फिर उन्होंने भुलेश्वर की चॉल छोड़कर कोलाबा स्थित See Wind अपार्टमेंट में घर ले लिया। हैरत की बात ये थी कि यहां उन्होंने 14 फ्लोर वाला एक पूरा ब्लॉक ही खरीद लिया था।
3. मुकेश अंबानी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें बचपन से पैसा कमाने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। वह बस नई-नई चीजें सीखने में दिलचस्पी लेते थे। मुकेश ने अपनी स्कूली पढ़ाई पेडर रोड पर हिल ग्रेंज हाईस्कूल से की। उन्होंने एक बार ‘द ग्रेजुएट’ फिल्म देखी थी। इससे उनका मन केमिकल इंजीनियरिंग करने को हुआ। ऐसे में उन्होंने माटुंगा स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नालॉजी से केमिकल इंजीनियरिंग में बी.ई. कर लिया। जबकि उनका सिलेक्शन आईआईटी बॉम्बे में भी हो गया था।
4. इसके बाद मुकेश अंबानी एमबीए करने अमेरिका की स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी चले गए। हालांकि उनके पिता का मानना था कि इंसान पढ़ाई से ज्यादा अपने संघर्षों से सीखता है। वह प्रैक्टिकल नॉलेज पर ज्यादा विश्वास रखते थे। इसलिए उन्होंने मुकेश की पढ़ाई बीच में ही छुड़वा दी। उन्हें भारत बुआया और पॉलिएस्टर फिलामेंट यार्न (PFY) मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट को संभालने की जिम्मेदारी दे दी। मुकेश ने भी इस जिम्मेदारी का बोझ अच्छे से निभाया और अपनी मेहनत और कुशलता से पिता के बिजनेस को नए मुकाम पर ले गए।
5. मुकेश अंबानी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें पढ़ने लिखने का बड़ा शौक था। कई बार तो वे रात को 2 बजे तक पढ़ाई किया करते थे। उन्हें विज्ञान और टेक्नोलॉजी में ज्यादा दिलचस्पी थी। शायद उनकी यह दिलचस्पी के चलते ही उन्होंने जियो को भारत में लाकर डिजिटल इंडिया की तस्वीर बदल दी।