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गजब: पंडितजी अग्रेजी में सुनाने लगे सत्यनारायण कथा, नई जनरेशन के साथ हुए मॉडर्न, देखें Video

हमारा देश लगातार तरक्की कर रहा है। नई जनरेशन की लाइफ स्टाइल हमारे पूर्वजों से काफी अलग हो गई है। ऐसे में उन्हें हामारी संस्कृति से रूबरू कराने के लिए पंडित लोग भी नए-नए तरीके खोज लेते हैं। वे भी आजकल समय के साथ मॉडर्न और एडवांस हो गए हैं। अब सोशल मीडिया पर अंग्रेजी में सत्यनारायण की कथा (Satyanarayan Katha) सुना रहे इन पंडितजी को ही देख लीजिए।

जब अंग्रेजी में सत्यनारायण कथा सुनाने लगे पंडितजी

सत्यनारायण की कथा लगभग हर हिन्दू परिवार अपने घर समय-समय पर करवाता रहता है। कहते हैं कि इस कथा को घर में करवाने से पॉजिटिव एनर्जी आती है। घर की तरक्की होती है। मन शांत रहता है। परिवार में लड़ाई झगड़े नहीं होते हैं। घर की बरकत बनी रहती है। इसके और भी कई लाभ होते हैं। आमतौर पर यह सत्यनारायण कथा पंडितजी सांकृति और हिन्दी में सुनाते हैं। लेकिन हाल ही में एक पंडित को इसे अंग्रेजी में सुनाते हुए देखा गया।

इस वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि पंडितजी कैसे अंग्रेजी में परिवार के सदस्यों को सत्यनारायण कथा (Satyanarayan Katha in English) सुना रहे हैं। इस कथा को वहाँ बैठे पुरुष, महिलाएं और बच्चे बड़े ध्यान से सुन रहे हैं। इस वीडियो को देख ऐसा प्रतीत होता है कि ये कथा दक्षिण भारत (South India) के किसी घर में चल रही है। वीडियो में दिख रही पूजा सामग्री, पूजा विधि और लोगों का पहनावा दक्षिण भारतीय संस्कृति की ओर इशारा कर रहा है।

बता दें कि दक्षिण भारत के कई हिस्सों में लोकल भाषा के अलावा अंग्रेजी भी काफी बोली जाती है। वहाँ हिन्दी कम ही चलती है। ऐसे में पंडितजी ने नई जनरेशन के लोगों तक इस कथा को पहुंचाने के लिए इसे अंग्रेजी में सुनना शुरू कर दिया है। नई जनरेशन में कई ऐसे बच्चे हैं जो अंग्रेजी मीडियम में पढ़ते हैं। उनके घर हिंदी भी कम बोली जाती है। वहीं कथा में शुद्ध हिन्दी का प्रयोग होता है जो आज की जनरेशन को पूरी तरह समझ नहीं आती है। इसलिए अंग्रेजी में इस कथा को सुनने का आइडिया बड़ा ही अच्छा है।

यहां देखें अंग्रेजी में सत्यनारायण कथा


यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है। इसे देख लोग दिलचस्प कमेंट्स भी कर रहे हैं। जैसे एक यूजर ने लिखा “ये सही है। अब विदेसी लोगों तक भी हमारी संस्कृति का परचम लहराएगा।” फिर एक ने कहा “जमाने के साथ सबको बदलना चाहिए। लेकिन अपनी संस्कृति को भी साथ लेकर चलना चाहिए। यह इसका परफेक्ट उदाहरण हैं।” फिर एक ने लिखा “अंग्रेजी भाषा यूज करने से नई जनरेशन इसे और गहराई से समझ सकेगी।”

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