नसीरुद्दीन की पत्नी से ‘शक्तिमान’ नाराज, कहा- मूर्ख, कहां से पढ़ाई की है, अपने नाम से पाठक हटाओ
हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता मुकेश खन्ना अपने बयानों से काफी चर्चा में रहते हैं. मुकेश खन्ना किसी भी मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखते हैं. हाल ही में उन्होंने दो बड़े बयान दिए है. एक तो उन्होंने लड़कियों को लेकर एक टिप्पणी कर दी जिस पर काफी विवाद हो गाया वहीं उन्होंने अभिनेता नसीरुद्दीन शाह और उनकी पत्नी को भी लताड़ लगा दी.
मुकेश खन्ना सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं. वे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अक्सर तस्वीरें और वीडियो साझा करते रहते हैं. बता दें कि उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल भी बना रखा है. जहां वे आए दिन कोई न कोई वीडियो अपलोड करते रहते हैं. हाल ही में उन्होंने यूट्यूब पर वीडियो अपलोड करते हुए अभिनेत्री रत्ना पाठक शाह पर निशाना साधा.
बता दें कि कुछ दिनों पहले रत्ना पाठक शाह ने करवाचौथ त्यौहार को लेकर विवादित बयान दिया था. रत्ना ने करवाचैथ को रुढ़िवादी और अंधविश्वास बताते हुए हिंदू महिलाओं का अपमान किया था. इसे लेकर अब मुकेश खन्ना ने रत्ना पाठक शाह की जोरदार क्लास लगा दी है. इससे पहले जान लेते है कि रत्ना ने अपने साक्षात्कार में क्या कहा था.
रत्ना से एक हालिया साक्षात्कार में सवाल किया गाया था कि क्या वह अपने पति की सलामती के लिए करवाचौथ का व्रत रखती हैं ? जवाब में उन्होंने कहा था कि, ”मैं क्या पागल हूं, जो ऐसे व्रत करूंगी ? ये आश्चर्य है कि पढ़ी लिखी महिलाएं भी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. भारत में विधवा होना एक भयानक स्थिति है, महिलाएं इसी डर से करवाचौथ का व्रत करती हैं. हैरान करने वाली बात है कि हम 21वीं सदी में भी इस तरह की बातें करते हैं”.
वहीं रत्ना के बयान पर निशाना साधते हुए मुकेश खन्ना ने कहा कि, ”आप क्या समझती हैं, आप पढ़ी–लिखी हैं ? आपको पता है, पढ़ी–लिखीं औरतें छोड़िए, गांव की औरतें छोड़िए, अनपढ़ औरतें छोड़िए, बड़े-बड़े घरों की औरतें तक करवाचौथ रखने में गर्व महसूस करती हैं. इस खूबसूरत त्यौहार को आप अंधविश्वास कहती हो! चलिए अंधविश्वास ही सही लेकिन यदि पत्नी अंधविश्वास में रहकर भी अपनी पति के सुख के लिए, अपने पति की जिंदगी के लिए अगर एक दिन का व्रत रखती है और चंद्रमा को देखने के बाद अपने व्रत को पूर्ण करती है तो इससे ज्यादा खूबसूरत बात और क्या हो सकती है?”
अभिनेता ने आगे कहा कि, ”ये पढ़े लिखे लोग अपने आप को इतना पढ़ा-लिखा समझते हैं कि राष्ट्र विरोधी और धर्म विरोधी बातें करते हैं. क्या मैं ये मान लूं कि धर्म आपके ऊपर हावी हो गया है, जिसको आपने शादी में अपनाया है ? यदि ऐसा है तो आप अपने नाम के आगे पाठक क्यों लिखती हैं? हटा दीजिए न इस शब्द को”.
आगे उन्होंने कहा कि, ”आप मूर्ख हैं. क्या पढ़ाई आपको यह सब सिखाती है ? किस तरह की पढ़ाई की है ये आपने ? किन किताबों में ऐसा लिखा हुआ है कि जो कुछ भी हिंदू धर्म में हो रहा है वो अंधविश्वास है और जो कुछ भी दूसरे किसी धर्म में हो रहा है वो अंधविश्वास नहीं. यानी हम लोग सब अंधविश्वास में जी रहे हैं ? बता दूं हमारी आस्था आप लोगों से ज्यादा अच्छी है. हमारा धर्म आस्था पर चलता है”.