राशिफल

गणेश चतुर्थी: हर रंग की मिट्टी के गणेश के हैं अपने अलग-अलग फ़ायदे, आईये जानें..

गण देव, दैत्य, दानव, यक्ष, किन्नर सबके ईश्वर भगवान गणेश को माना जाता है. सभी देवी-देवताओं की कृपा भगवान गणेश की पूजा करने पर मिल जाती है. भगवान गणेश जी की दो पत्नियां थी- रिद्धि और सिद्धि. भगवान गणेश अपने माता-पिता यानि माँ पारवती और शिवजी के प्रिय पुत्र हैं. किसी काम को शुरू करने से पहले इनकी पूजा शुभ मानी जाती है. या फिर यूं कहें कि कोई भी शुभ कार्य शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा अनिवार्य है. कार्य सफल होता है. किसी कार्य में उनको ना पूजने का मतलब अपने सौभाग्य को भूलने जैसा है.

कहा जाता है की भागवान श्री गणेश का जन्म माँ पारवती ने अपने शरीर के उबटन से किया था. उबटन के लिए अनेक प्रकार की मिट्टियों का उपयोग किया जाता है. इस कारण भगवान गणेश की मूर्ति का भी निर्माण अलग-अलग रंग की मिट्टियों से किया जाता है. हर रंग की मिट्टी का अपना एक महत्व होता है. कहते हैं की अलग-अलग रंग की मिट्टी के उपयोग से नवग्रहों की कृपा होती है.

सफ़ेद मिट्टी

भगवान गणेश की मूर्ति अगर सफ़ेद रंग की मिट्टी से बनायीं जाए तो यह चन्द्र तथा शनि से जुड़े कष्टों से छुटकारा दिला सकती है. शादीशुदा ज़िंदगी में चल रही दिक्कत के लिए या फिर आपकी माँ को कोई कष्ट हो तो सफ़ेद रंग की मिट्टी के गणेश बनाएं और पूजा करें.

काली मिट्टी

दक्षिण दिशा में शनिदेव का प्रकोप अधिक होने के कारण पूरे दक्षिण भारत में भगवान गणेश की काले रंग की मूर्ति की पूजी जाती है. काले रंग की मिट्टी से गणेश निर्माण किया जाए तो यह व्यापर, चिकित्सा, वकालत आदि से संबंधित परेशानियों को दूर करता है. इसके अलावा शनिजनित पीड़ा का भी नाश करता है.

पीली मिट्टी

पीली मिट्टी के गणेश निर्माण से गुरु और केतु ग्रह से जुड़ी परेशानियां जैसे कि विद्या में रुकावट, संतान ना होना, आर्थिक कष्ट, उदररोग आदी का निवारण होता है. पीले रंग के गणपति वंश को बढ़ाने में सहायक होते हैं.

लाल मिट्टी

लाल रंग से अगर गणपति निर्माण किया जाए तो यह सूर्य ग्रह से जुड़े कष्टों से निज़ात दिला सकता है. इसके अलावा पति-पत्नी के मंगल दोष, भूमि, भाइयों में दुश्मनी, राजकीय पीड़ा, भवन आदि कष्ट लाल रंग के गणपति बनाकर पूजने से कम होते हैं.

हरी मिट्टी

बुध और राहू ग्रह से व्यापर और विद्या संबंधी दिकातें आ सकती हैं. इनके निवारण के लिए या किसी षड़यंत्र को भेदने के लिए हरे रंग के गणपति निर्माण को शुभ माना जाता है.

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