कैसे निभाया जाता है रिश्ता? सीखें यह हुनर और बने सबके चहेते
काफी पहले की बात है, दो पक्के दोस्त थे। दोनों एक बार एक रेगिस्तान से होकर गुजर रहे थे। हालांकि दोनों इंसानी प्रकृति से भरे हुए थे तो दोनों में किसी बात को लेकर अचानक बहस शुरू हो गयी। बहस बढ़ते-बढ़ते इतनी बढ़ गयी कि एक दोस्त ने दुसरे के गाल पर जोरदार थप्पड़ मार दिया। जिस दोस्त ने थप्पड़ खाया था, उसे इस बात से गहरा दुःख हुआ, लेकिन वह चुपचाप वहीँ खड़ा रहा।
वह कुछ देर चुपचाप खड़ा रहने के बाद वही बिना कुछ बोले रेत पर लिखने लगा, ‘आज मुझे मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने थप्पड़ मारा।‘ इस घटना के कुछ देर बाद दोनों दुबारा चलना शुरू कर देते हैं। रास्ते में चलते-चलते एक नदी मिली। दोनों ही नदी के पानी में नहाने के लिए उतरे। जिस दोस्त ने थप्पड़ खाया था, अचानक उसका पैर पानी में फिसला और वह पानी में डूबने लगा। उसे तैरना भी नहीं आता था।
दोस्त ने जान बचायी तो लिख दिया पत्थर पर:
जब दुसरे मित्र ने उसकी आवाज सुनी तो वह उसे बचाने के लिए दौड़ पड़ा। कुछ ही देर के प्रयास के बाद वह उसे बचाकर नदी से बाहर लाया। अब डूबने वाले दोस्त ने एक बार फिर पत्थर पर लिखा, ‘आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त में मुझे डूबने से बचाया।‘ जिस दोस्त ने थप्पड़ मारा और बाद में नदी में डूबने से जान बचाई, उसनें अपने दुसरे दोस्त से पूछा।
थप्पड़ मारा तो लिखा क्यों लिखा रेत पर?
जब मैंने तुम्हें थप्पड़ मारा तो तुमने रेत पर लिखा और जब मैंने तुम्हारी जान बचाई तो तुमनें यह पत्थर पर लिखा, ऐसा क्यों किया तुमने? यह सुनकर दूसरा दोस्त बोला मित्र रेत पर मैंने इसलिए लिखा कि वह बहुत जल्दी मिट जाएँ और पत्थर पर इसलिए लिखा की वह कभी ना मिटे। दोस्त ने छोटी सी बात में इतना बड़ा मतलब बता दिया, जिसे जान लेने के बाद इंसान रिश्तों का असली मतलब समझ सकता है।
व्यक्ति की अच्छाइयों को देखें ना कि उनकी बुराइयों को:
जब भी आपका कोई ख़ास आपका दिल दुखता है तो उसका असर आपके दिलो-दिमाग पर रेत पर लिखे लिखे शब्दों की तरह ही होना चाहिए। जिसे क्षमा की हवाओं से आसानी से मिटाया जा सके। लेकिन वहीँ जब कोई आपकी मदद करता है तो उसे पत्थर पर लिखे शब्दों की तरह याद रखना चाहिए ताकि वह जीवन भर ना मिट सके। इसलिए जब भी देखना हो तो व्यक्ति की अच्छाइयों को देखें ना कि उनकी बुराइयों को।