उपराष्ट्रपति पद से हटने के साथ ही हामिद अंसारी के इस कारनामें की खबर हो रही वायरल, जाने क्या है सच
देश के उपराष्ट्रपति के तौर पर अपना दूसरा कार्यकाल समाप्त करने के साथ ही हामिद अंसारी विवादों के घेरे में आ चुकें हैं.. देश में मुस्लिम समुदाय में असुरक्षा की भावना वाले बयान ने जहां उनकी खूब फजीहत कराई वहीं अब उनके सालाना बजट खर्च की खबर भी सनसनी फैला रही है। दरअसल इंटरनेट पर एक ऐसी खबर और मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें कहा गया कि उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपने ऐशो-आराम पर राष्ट्रपति के बजट से 6 गुना ज्यादा खर्च कर दिया। पिछले साल राष्ट्रपति ने तो 66 करोड़ खर्च किए, लेकिन उपराष्ट्रपति ने 377 करोड़ रुपए फूंक डाले।, यानि डेली 1 करोड़ से ज्यादा का खर्चा हुआ है।
ये हुआ वायरल
- वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने 2016-17 में 21 करोड़ खर्च कर डाले, जो राष्ट्रपति के 66 करोड़ खर्च की तुलना में 6 गुना ज्यादा है। हामिद अंसारी को लेकर हुए इस खुलासे से पूरा देश हिल गया है। ऐसी लूट देखकर पीएम मोदी भी सन्न हैं।
- इसी से जुड़े एक अन्य मैसेज में कहा जा रहा है कि न आलीशान भवन, न सुरक्षा कवच, फिर भी राष्ट्रपति से 6 गुना ज्यादा उपराष्ट्रपति का बजट कैसे? कहीं यही घोटाला छुपाने के लिए तो हामिद अंसारी ने मुसलमानों को डराने वाला बयान तो नहीं दिया है?
- अंसारी के चेयरमैन रहते राज्यसभा टीवी में हुआ घोटाला, चहेते पत्रकारों को किया मालामाल” went on to state “इतना पैसा तो आमतौर पर बॉलीवुड वाले भी अपनी कामर्शियलफिल्मों के नहीं खर्च करते। राष्ट्रपति से कई गुना ज्यादा बजट खर्च किया उपराष्ट्रपति ने
क्या है सच्चाई
2017-18 के बजट में अलग-अलग मंत्रालय और विभागों के खर्चों और बजट को लेकर एक लिस्ट दी गई थी। बजट में दी गई जानकारी के मुताबिक, 2016-17 में राष्ट्रपति के स्टाफ, घर और भत्तों के खर्च का कुल बजट 56 करोड़ था। वहीं, उपराष्ट्रपति के मामले में ये बजट 5 करोड़ था। यानी राष्ट्रपति के बजट की तुलना में उपराष्ट्रपति से जुड़ा ये खर्च करीब 10 गुना कम था।
वायरल मैसेज में जिस 377 करोड़ रुपए को उपराष्ट्रपति द्वारा खर्च किए जाने की बात हो रही है, बजट के मुताबिक वो खर्चा उपराष्ट्रपति की जगह पूरे राज्यसभा का खर्चा है। यानी इस 377 करोड़ में राज्यसभा सांसदों की सैलरी, राज्यसभा में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी, डिप्टी चेयरमैन की सैलरी और बतौर राज्यसभा चेयरमैन उपराष्ट्रपति की सैलरी सहित कई अन्य तरह के खर्चे भी शामिल हैं।
साफ है कि सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा ये दावा झूठा है।
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