महिला ने काम करने से किया इंकार तो मालिक ने की ऐसी हरकत की महिला अब किसी को अपनी नाक न दिखा पाएगी
सागर: आज हम भले ही आजाद हो गए हैं, लेकिन आज भी लोग अपनी तानाशाही वाली मानसिकता के गुलाम बने हुए हैं। जो अमीर हैं वो गरीबों से नफरत करते हैं और जो बड़ी जातियों के लोग हैं वो छोटी जातियों के लोगों को हे भरी दृष्टि से देखते हैं। हालांकि हम ये नहीं कह रहे हैं कि सभी लोग वैसे ही होते हैं, लेकिन ज्यादातर ऐसा ही देखा गया है।
कई बार हमारे आस-पास ऐसी घटनाएँ हुई हैं, जो इस बात को मजबूती प्रदान करती हैं। हमारे समाज से गुलामी बहुत पहले ही ख़त्म हो चुकी है। देश का संविधान सबको बराबरी का हक़ प्रदान करता है, लेकिन वो बराबरी कुछ लोगों तक ही सिमित है। आज भी गरीब और छोटी जातियों के साथ भेदभाव की घटनाएँ सामने आ रही हैं। अक्सर इस तरह की परेशानियाँ मजदूर वर्ग के लोगों को ज्यादा झेलनी पड़ती हैं।
महिला ने मजदूरी से किया मना तो काट दी नाक:
आज हम आपको एक ऐसी ही महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जो तानाशाही का शिकार हुई है। यह घटना मध्यप्रदेश के सागर जिले के रेंवझा गाँव की है। वहाँ की एक महिला ने मजदूरी करने से माना किया तो गाँव के ही एक ऊँची जाती के बाप-बेटे ने मिलकर 35 वर्षीय दलित महिला की बुरी तरह पिटाई की और उसकी नाक काट दी। केवल यही नहीं महिला के पति के साथ भी मारपीट की।
गाली-गलौच पति की जमकर की डंडे से पिटाई:
सुरखी थाना प्रभारी आर,एस बागरी ने बताया कि सोमवार को नरेन्द्र सिंह और उसके पिता साहब सिंह ने मिलकर धानक और उसकी पत्नी जानकी को अपने घर काम करने के लिए बुलाया। हालांकि धानक और उसकी पत्नी ने उनके यहाँ मजदूरी का काम करने से माना कर दिया, इससे दोनों बाप-बेटे बुरी तरह भड़क गए। उसी समय दोनों ने जमकर गाली-गलौच शुरू कर दिया और दलित दम्पत्ति की डंडे से बुरी तरह पिटाई शुरू कर दी।
बागरी ने यह भी बताया कि पति की बुरी तरह से पिटाई के बाद जब जानकी उसे अस्पताल ले जाने की कोशिश कर रही थी तभी नरेन्द्र और साहब ने उसे रोकने के लिए उसकी नाक काट दी। यह मामला दबा ही रह जाता, लेकिन दलित महिला ने हिम्मत दिखाते हुए मध्यप्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष लता वानखेड़े के सामने इस मामले से जुड़े दोनों दोषियों को सजा दिलाने की गुहार लगायी।