‘रामायण’ का वो एक्टर जिसकी सफलता से डर गए थे राजेश खन्ना, उड़ गई थी रातों की नींद
हिंदी सिनेमा में अक्सर कलाकारों के बीच प्रतिस्पर्धा देखी जाती है. कई बार दो स्टार्स को एक दूसरे के लिए चुनौती माना जाता है. ऐसा ही कुछ गुजरे दौर में हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार रहे राजेश खन्ना और अभिनेता विजय अरोरा के बीच भी देखने को मिला है. एक समय विजय अरोरा ने राजेश खन्ना की रातों की नींद उड़ा दी थी.
विजय अरोरा का जन्म 27 दिसंबर 1944 को हुआ था. हालांकि आज विजय अरोरा हमारे बीच नहीं है. वहीं राजेश खन्ना का जन्म 29 दिसंबर 1944 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था. लेकिन राजेश खन्ना भी अब इस दुनिया में नहीं है. उनका करीब 10 साल पहले मुंबई में निधन हो गया था.
राजेश खन्ना जब फिल्म इंडस्ट्री में सुपरस्टार का दर्जा पा चुके थे इसके बाद विजय अरोरा अपनी एक फिल्म के हिट होने के बाद चर्चा में आए थे और वे जल्द ही बड़े स्टार्स में गिने जाने लगे. हालांकि उनकी लोकप्रियता से राजेश खन्ना को डर सताने लगा था. उन्हें लगता था कि उनकी कुर्सी को ख़तरा है.
बता दें कि विजय अरोरा साल 1973 में आई फिल्म ‘यादों की बारात’ से चर्चा में आए थे. इस फिल्म में विजय ने उस समय की बेहद मशहूर और खूबसूरत अभिनेत्री जीनत अमान के साथ काम किया था. दोनों की यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही थी. इसके साथ ही दोनों कलाकारों पर फिल्माया गया गाना ‘चुरा लिया है तुमने जो दिल को’ भी काफी लोकप्रिय हुआ था.
फिल्म की सफलता के बाद विजय चर्चाओं में रहने लगे और उनसे ठीक पहले साल 1971-1972 तक राजेश खन्ना सुपरस्टार बन चुके थे. राजेश खन्ना ने एक के बाद एक लगातार 15 हिट फ़िल्में देकर हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार होने का तमगा प्राप्त किया था लेकिन विजय की सफलता को देखकर राजेश थर्रा गए थे. हालांकि ‘यादों की बारात’ के बाद विजय कोई बड़ी फिल्म नहीं दे पाए.
विजय ने 100 फिल्मों में काम किया लेकिन इसके बावजूद वे इस तरह का जादू दोबारा नहीं चला सके. इसके बाद उन्होंने कोई शानदार फिल्म नहीं दी. हालांकि 100 फ़िल्में करने के बावजूद हिंदी सिनेमा में फ्लॉप रहे विजय अरोरा को एक टीवी धारावाहिक ने घर-घर में काफी मशहूर कर दिया था.
विजय अरोरा ने भारतीय टीवी इतिहास के सबसे चर्चित और पसंदीदा धारावाहिक ‘रामायण’ में काम किया था. इसमें उन्होंने ‘मेघनाद’ का किरदार निभाया था. रामानंद सागर की ‘रामायण’ में ‘मेघनाद’ का किरदार निभाकर विजय घर-घर में काफी लोकप्रिय हो गए थे. आज भी उन्हें उनकी इस भूमिका के लिए याद किया जाता है. उन्होंने इस किरदार को जीवंत कर दिया था. उनकी बेहतरीन अदाकारी की दर्शकों ने खूब तारीफ़ की थी.
साल 2007 में कहा दुनिया को अलविदा…
सालों पहले विजय का निधन हो चुका है. उन्होंने 2 फरवरी 2007 को मुंबई में अंतिम सांस ली थी. बता दें कि वे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे.