Breaking news

बस में मां संग सफर कर रही थी, शख्स ने मारा ऐसा ताना, गुस्से में बन गई IPS,ऐसे की सबकी बोलती बंद

लाइफ में कुछ हासिल करने के लिए अंदर जज्बे की आग का जलना बहुत जरूरी होता है। कोई भी काम सफल तभी होता है जब उसे पूरी शिद्दत से किया जाए। इंसान ऐसा तभी करता है जब उसे कोई प्रेरणा मिले। या फिर कोई उसे खुलेआम चुनौती दे। इस सिचुएशन में वह बात दिल पर ले लेता है और फिर उस कार्य को करने की दिशा में काम करने लगता है।

एक ताने ने बना दिया IPS

IPS शालिनी अग्निहोत्री (Shalini Agnihotri) की सक्सेस स्टोरी भी कुछ ऐसी है। एक बार शालिनी अपनी मां के साथ बस में सफर कर रही थी। तभी एक शख्स ने उन्हें कुछ ऐसा बोल दिया जिससे उनके तन बदन में आग लग गई। उन्हें इतना गुस्सा आया कि उन्होंने लाइफ में कुछ कर दिखाने की ठान ली। बाद में वह अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल भी रही।

दसवीं क्लास में 92 प्रतिशत अंक लाने वाली शालिनी को उस समय गहरा झटका लगा जब उनके 12वीं में सिर्फ 77 फीसदी नंबर ही आए। हालांकि शालिनी के माता-पिता ने उन्हें पूरा सपोर्ट दिया और पूरी शिद्दत से  पढ़ाई आगे जारी रखने की सलाह दी। फिर शालिनी ने  धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद वह यूपीएससी की तैयारी में लग गई।

बस में हुई इस घटना से लगा था बुरा

यूपीएससी को चुनने के पीछे एक बड़ी वजह भी थी। उन्हें बस में यात्रा के दौरान एक शख्स ने ताना मारा था। उसका वह ताना शालिनी के दिल में चुभ गया था। फिर उन्होंने एक बड़ा अधिकारी बनने की ठान ली। हुआ ये था कि शालिनी बस में अपनी मां के साथ सफर कर रही थी। इस दौरान एक शख्स ने शालिनी की मां की सीट के पीछे अपना हाथ रख दिया था। इस कारण उनकी मां ठीक से बैठ नहीं पा रही थी।

शालिनी ने उस शख्स को सीट से हाथ हटाने के लिए कहा। लेकिन उसने शालिनी की एक ना सुनी। उल्टा वह बहुत गुस्सा हो गया और बोला “चाहे तुम कहीं की डीसी ही क्यों न हो। में तुम्हारी बात नहीं मानूंगा।” बस उसी दिन शालिनी ने फैसला ले लिया कि वह एक दिन बड़ी अधिकारी बनेगी और ऐसे लोगों की अक्ल ठिकाने लगाएंगी।

बिना कोचिंग क्रैक की UPSC

शालिनी ने जब UPSC की तैयारी शुरू की तब इस बारे में अपने परिवार वालों को नहीं बताया। उन्होंने इसकी कोई कोचिंग भी नहीं लगाई थी। वह खुद ही पढ़ कर इस परीक्षा में अपने दम पर सफल हुई। उन्होंने 2011 की यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया में 285 वीं रैंक हासिल की। यूपीएससी में सिलेक्शन होने के बाद उन्होंने इंडियन पुलिस सर्विस (IPS) को चुना। जब उनकी ट्रेनिंग खत्म हुई तो उन्हें पहली पोस्टिंग हिमाचल में मिली। वे कुल्लू में पुलिस अधीक्षक भी रहीं।

शालिनी के पिता रमेश अग्निहोत्री एक मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह पेशे से एक बस कंडक्टर हैं। हालांकि उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। शालिनी की बड़ी बहन डॉक्टर हैं तो वहीं उनका भाई आर्मी में है।

Back to top button