जिस बहू के लिए लोन लेकर बनाया मकान, उसी ने धक्के देकर निकाला, अब भीख मांगकर गुजारा कर रहे
मां बाप अपने बेटे और बहू की खुशी के लिए बहुत कुछ करते हैं। ऐसे में उनका भी फर्ज बनता है कि वे उनकी बुढ़ापे में सेवा करे। लेकिन मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में एक कलयुगी बहू ने अपने सास ससुर को धक्के मारकर घर से निकाल दिया। यहां हैरत की बात ये थी कि बहू ने जिस घर से सास ससुर को निकाला उसे ससुर ने बहू के लिए ही अपने जीवनभर की कमाई और लोन लेकर बनाया था। सास ससुर करीब 15 साल से बेघर होकर दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं। हालांकि कोर्ट की शरण में जाने के बाद उन्हें राहत मिली है।
जिस बहू के लिए बनाया मकान, उसी ने किया घर से बेदखल
दरअसल 67 वर्षीय जगदीश गौतम और उनकी 64 वर्षीय पत्नी कलावती गौतम भूकम्प कॉलोनी धनवंतरि नगर में किराए के एक कमरे में रहते हैं। जगदीश का सब्जी बेचने का धंधा है। उनके दो बेटे और एक बेटी हैं। सभी की शादी हो गई है। बेटी ससुराल में है तो दोनों बेटे बाप की मेहनत की कमाई से बने मकान में रह रहे हैं। जगदीश ने 2003 में बेटे विजय और बहू दीप्ति की जिद 1720 वर्गफीट का प्लॉट खरीदा था। इसमें उन्होंने अपनी जीवन भर की जमापूंजी लगा दी थी। फिर मकान बनाने के लिए लाखों रुपए लोन भी लिया था।
हालांकि जैसे ही मकान बनकर तैयार हुआ वैसे ही बहू ने उन्हें दुख देना शुरू कर दिए। बहू ने सास ससुर को इतना प्रताड़ित किया कि उन्हें घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। बहू ने गाली गलोज कर और मारपीट कर दोनों का सामान भी फेंक दिया था। ये 2006 की बात है। इस घटना के बाद दंपति ने माढ़ोताल थाना, एसपी व कलेक्टर इत्यादि से शिकायत भी की थी। लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया। ऐसे में दंपति कुछ दिन एक वृद्ध आश्रम में रहे। लेकिन उन्हें वहां से भी निकाल दिया गया।
हाईकोर्ट ने दिलवाया फिर से कब्जा
दंपति ने फिर भीख मांगकर जैसे तैसे जीवन व्यापन किया। फिर उनकी मुलाकात अधिवक्ता रवि व्यास से हुई। उन्होंने उनकी सहायता से हाईकोर्ट में बहू के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। हाईकोर्ट की जस्टिस नंदिता दुबे की बेंच ने जब इस बूढ़े दंपति की दास्तान सूनी तो उनकी आंखें भी नम हो गई। उन्होंने जगदीश की बहू दीप्ति को बच्चों सहित 60 दिनों के अंदर मकान खाली कर ससुर को कब्जा देने के निर्देश दिए।
बुजुर्ग को इतने सालों के संघर्ष के बाद आखिर अपना वह घर मिल जाएगा जो उन्होंने पाई-पाई जोड़कर बनाया था। वैसे दुख की बात ये है कि बुजुर्ग दंपति की तबीयत भी अब ठीक नहीं रहती है। पति जगदीश का एक पैर खराब हो गया है। वहीं पत्नी कलावती को दिल की बीमारी हो गई है। हालांकि हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद दोनों को सिर छिपाने की जगह जरूर मिल गई है।