अग्निवीर बनने का सपना रह गया अधूरा, तैयारी के दौरान मौत ने लगा लिया गले, परिवार में छाया मातम
कहते हैं जिंदगी का कोई भरोसा नहीं होता है। कब किसे क्या हो जाए कुछ कह नहीं सकते हैं। अब उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में अग्निवीर बनने की तैयारी कर रही इस युवती को ही देख लीजिए। श्वेता चौहान नाम की ये युवती अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रही थी। लेकिन उसका सपना पूरा होने से पहले ही मौत ने उसे गले लगा लिया।
दौड़ लगाने गई थी युवती, हो गई मौत
दरअसल मैनपुरी के घिरोर के गांव अलालपुर में 18 साल की चौहान चौहान (पिता सुरेश चौहान) रहती थी। श्वेता का सपना था कि वह भी एक अग्निवीर बने। इसके लिए वह रोज सुबह दौड़ लगाने भी जाती थी। लेकिन रविवार (24 जुलाई) की सुबह जब वह दौड़ लगाने गई तो वापस उसका शव आया। उसकी मौत से परिजन भी हैरान है।
परिजनों ने बताया कि श्वेता पढ़ने में बड़ी होशियार थी। उसकी पढ़ाई के प्रति लगन देख परिवार के बाकी बच्चे भी पढ़ते थे। श्वेता को एक अग्निवीर बनना था। इसके लिए वह रोज दौड़ भी लगाती थी। लेकिन रविवार की सुबह पता नहीं क्या हुआ वह दौड़ लगाते हुए अचानक गिर पड़ी और बेहोश हो गई। हम उसे डॉक्टर के पास भी ले गए। लेकिन उन्होंने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने नहीं करवाया पोस्टमार्टम
हैरत की बात ये रही कि परिजनों ने श्वेता के शव को पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेजा। साथ ही उन्होंने इस मामले में किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से इंकार कर दिया। अब श्वेता की मौत से घर में सन्नाटा छाया हुआ है। वह घर में सबसे बड़ी संतान थी। उसके एक छोटी बहन और एक भाई हैं। दोनों ही अपनी बहन के जाने से बड़े दुखी हैं।
बताया जा रहा है कि श्वेता रोज घिरोर बाईपास मार्ग पर प्रैक्टिस के लिए दौड़ लगाती थी। वह सेना में भर्ती होकर देश के लिए कुछ करना चाहती थी। साथ ही वह इस नौकरी से अपने परिवार की आर्थिक रूप से मदद करना चाहती थी। लेकिन अफसोस की श्वेता का सपना अधूरा ही रह गया। देश ने एक फ्यूचर अग्निवीर को खो दिया। फिलहाल श्वेता के अंतिम संस्कार के बाद घर बड़ा सुना हो गया है।