६० सालो में पहली बार, इस खौफ से कशमीर मैं जुमे को नहीं फहराया गया पाकिस्तानी झंडा!!
तीन सप्ताह से कश्मीर में जारी हिंसा के बीच राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि यदि सुरक्षाबलों को पहले पता होता कि उस ठिकाने में हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर बुरहान वानी है तो उसे एक मौका जरूर दिया जाता। महबूबा के इस बयान पर बीजेपी ने हैरानी जताई है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री झूठ बोल रही हैं।
सुरक्षा बलों की कार्रवाई पर मुख्यमंत्री महबूबा ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने उन्हें बताया था कि दक्षिणी कश्मीर के काकरनाग इलाके में एक घर में ‘तीन आतंकवादी छिपे हुए हैं’ लेकिन ‘उन्हें नहीं पता था कि आतंकवादी कौन हैं’।
शायद वह यह कहना चाह रही थीं कि कश्मीर में विद्रोह का चेहरा बन चुके और कश्मीरी युवाओं में लोकप्रिय वानी की मौजूदगी का अगर पहले से पता होता तो शायद उसकी मौत के बाद जो कुछ हुआ उससे बचने के लिए पर्याप्त उपाय अपनाए गए होते। महबूबा ने कहा कि कश्मीर घाटी में हालात बेहद तेजी से बदले और राज्य सरकार को व्यापक हिंसा की रोकथाम की तैयारी के लिए पर्याप्त समय भी नहीं मिला।