300 में से 300 अंक आने पर भी संतुष्ट नहीं हुआ छात्र, दोबारा देगा एग्जाम, जाने वजह
परीक्षा में अच्छे नंबरों से पास होने का सपना हर स्टूडेंट देखता है। कुछ तो फर्स्ट डिवीजन लाने की आस रहती है। कुछ 80 या 90 प्रतिशत से ऊपर अंक आ जाए तो खुशी से उछल पड़ते हैं। वहीं कुछ तो बस पास होने जीतने मार्क्स मिलने पर ही नाचने गाने लगते हैं। जब परीक्षा हो जाती है तो अधिकतर स्टूडेंट्स बड़ा रीलैक्स और टेंशन फ्री हो जाते हैं। उन्हें लगता है अब इन सब्जेक्ट्स से छुटकारा मिला। अब इन्हें दोबारा नहीं पढ़ना पड़ेगा।
पूरे मार्क्स आने पर भी फिर परीक्षा देगा स्टूडेंट
आज हम आपको एक ऐसे स्टूडेंट से मिलाने जा रहे हैं जिसके परीक्षा में फुल मार्क्स आए लेकिन फिर भी उसका दिल नहीं भरा। वह एक बार फिर से उसी परीक्षा को देना चाहता है। दरअसल इन दिनों जेईई टॉपर नव्य हिसारिया जेईई मेन सेशन 1 (JEE Main Session 1) में (Navya Hisaria) मीडिया में छाया हुआ है। उसके में 300 में से 300 अंक आए हैं। लेकिन वह फिर से यही परीक्षा देना चाहता है। उसने इसकी वजह भी बताई है।
राजस्थान के रहने वाले जेईई टॉपर नव्य हिसारिया (17) का कहना है कि एक अच्छे अभ्यास की दृष्टि से फिर से JEE की एग्जाम देना चाहते हैं। उनके अनुसार जेईई मेन सत्र दो में शामिल होने से उनका टाइम मैनेजमेंट बेहतर होगा। मीडिया बातचीत के दौरान ने कहा-
JEE Main के इन अटेम्प्ट से मुझे यह सीखने को मिलेगा कि एक टाइम लिमिट के अंदर पूरे पेपर को कैसे करें। इससे मेरा टाइम मैनेजमेंट अच्छा होगा। दोबारा परीक्षा देकर मुझे पता चलेगा कि मैं एग्जाम की कैसी तैयारी कर रहा हूं। यह एक अभ्यास (जेईई एडवांस) जैसा है।
बता दें कि इस परीक्षा को देकर नव्य हिसारिया कुछ खोएगा नहीं। यदि उसके दूसरे अटेम्प में पूरे मार्क्स नहीं भी आते हैं तो कोई बात नहीं। क्योंकि JEE में अंतिम स्कोर निर्धारित करने के लिए दो में से सर्वश्रेष्ठ स्कोर का इस्तेमाल होता है। नव्य का सपना प्रमुख भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे के प्रतिस्पर्धी कंप्यूटर विज्ञान विभाग में जाना है।
लोगों ने लिए खूब मजे
उधर जब जेईई टॉपर के फुल मार्क्स आने पर भी दोबारा परीक्षा देने की खबर सामने आई तो लोगों ने उसके मजे लेना शुरू कर दिया। एक यूजर ने लिखा ‘हम तो पासिक मार्क्स आने पर खुशी से उछल पड़ते हैं। और इन्हें फुल मार्क्स पर भी दूसरी बार एग्जाम देना है।’
दूसरा यूजर लिखता है ‘उम्मीद करता हूं कि ये खबर मेरी मम्मी ना पढ़े, वरना इसका उदाहरण देकर मुझे रोज ताने मारेगी।’ फिर एक शख्स कहने लगा कि ‘शास्त्रों में इसे घोर पाप कहा गया है।’