जानें आज का गुडलक, मिलेगा कोर्ट-कचहरी और वाद-विवाद की समस्या से छुटकारा
आज के दिन मंगलवार दिनांक 15.08.2017 को भाद्रपद कर्तिगाईदीपम पर्व मनाया जायेगा। यह पर्व हर महीने मनाया जाता है। दीपम पर्व तमिल संस्कृति का सबसे प्राचीन पर्व माना जाता है। आपको बता दें कर्तिगाई दीपम पर्व की उत्पत्ति कृतिका नक्षत्र से हुई है। जब हर महीने चंद्रमा कृतिका नक्षत्र में विचरण करता है तब मासिक कर्तिगाई दीपम पर्व मनाया जाता है।
खुद को सर्वश्रेष्ठ साबित करने के लिए परिवर्तित कर लिया अंतहीन लौ में:
इस पर्व को मानने के पीछे एक पौराणिक कथा भी है। एक बार भगवान शंकर ने खुद को भगवान विष्णु और ब्रह्मा से ज्यादा सर्वश्रेष्ठ सिद्ध करने के लिए प्रकाश की एक अंतहीन लौ में परिवर्तित कर लिया था। इस पर्व में शाम के समय घर में और शिवालय में तेल के दीपों की पंक्तियाँ सजाई जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस पर्व के दिन विशेष पूजन करता है, उसे कोर्ट-कचहरी और वाद-विवाद के केस में विजय प्राप्त होती है।
पूजन विधि:
इस दिन शाम के समय शिवालय जाकर शिवलिंग का पंचोपचार पूजन करें। भगवान शंकर के शिवलिंग के समक्ष चमेली के तेल का दीपक जलाएं। गूगल का धूप करें और उन्हें लाल फूल अर्पित करें। इसके बाद उन्हें सिंदूर चढ़ाकर गुड़ का भोग लगायें। तत्पश्चात लाल चन्दन की माला से इस विशिष्ट मंत्र का जाप करें। पूजा ख़त्म होने के बाद गुड़ को प्रसाद के रूप में बाँट दें।
विशेष मंत्र:
क्लीं कीर्तिसागराय नमः शिवाय॥
विशेष मुहूर्त:
शाम 18:59 से रात्रि 20:26 तक।
अभिजीत मुहूर्त:
दिन 11:58 से दिन 12:51 तक।
अमृत काल:
रात 00:16 से रात 01:46 तक।
यात्रा महूर्त:
दिशाशूल – उत्तर। राहुकाल वास – पश्चिम। अतः उत्तर व पश्चिम दिशा की यात्रा टालें।
शुभ दिशा:
ईशान।
शुभ समय:
प्रातः 10:45 से दोपहर 12:25 तक।
शुभ मंत्र:
क्लीं कृत्तिवाससे नमः शिवाय॥
शुभ टिप्स:
जीवन में खूब प्रसिद्धि पाने के लिए आज के दिन शिवालय में चमेली के तेल के 3 दीप जलाएं।
जन्मदिन के लिए शुभ:
आज के दिन जीवन में सफलता पाने के लिए काले शिवलिंग पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
एनिवर्सरी के लिए शुभ:
अगर आपके घर में अशांति छाई हुई है तो आज के दिन दंपति शिवालय में तिल के तेल से 7 दीप जलाएं, जल्द ही गृह क्लेश से मुक्ति मिलेगी।