आजादी के 70 साल : राष्ट्रपति कोविंद ने कहा – नोटबंदी से लोगों में बढ़ी है ईमानदारी की प्रवृत्ति
नई दिल्ली – स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन राष्ट्रपति कोविंद ने नोटबंदी, स्वच्छ भारत अभियान, न्यू इंडिया, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे विषयों पर देश के सामने अपने विचार रखें। Presidents address to the nation.
देश की आजादी के पीछे स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान
राष्ट्रपति ने कहा ‘आजादी के लिए देश उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों का आभारी हैं जिन्होंने बलिदान देकर देश को आजादी दिलाई। अपने भाषण में कोविंद ने गांधीजी के सिद्धांतों से लेकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूंगा’ के नारे, नेहरू के योगदान, सरदार पटेल कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता के सिद्धांत और बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर द्वारा संविधान के निर्माण जैसे विषयों का जिक्र किया।
जीएसटी को देश की जनता ने स्वीकार किया
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने जीएसटी का जिक्र करते हुए टैक्स देकर देश कि प्रगति में योगदान देने की भावना को भी दर्शाया। उन्होंने नोटबंदी का जिक्र करते हुए कहा कि इससे लोगों में ईमानदारी की प्रवृत्ति बढ़ी है। उन्होंने ‘न्यू इंडिया‘ के लिए कुछ महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करना देशवासियों का ‘राष्ट्रीय संकल्प’ बताया। राष्ट्रपति ने कहा कि ‘न्यू इंडिया’ में गरीबी के लिए कोई जगह नहीं है।’
राष्ट्रपति के संदेश की अन्य प्रमुख बातें
देश के नाम संबोधन में कोविंद ने किसी भी परिवार में किसी बेटी का विवाह होने पर सबके द्वारा अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का उदाहरण देते हुए सरकार के प्रयासों में सभी देशवासियों को योगदान देने कि बात कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए सबसे जरूरी है कि अपनी भावी पीढ़ी पर पूरा ध्यान दिया जाए। राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर एक करोड़ से ज्यादा परिवारों द्वारा एलजीपी सिलिंडर सब्सिडी छोड़ने के फैसले कि सराहना भी की। राष्ट्रपति ने बेटा-बेटी में भेद खत्म करते हुए परिवार के साथ-साथ समाज और राष्ट्र निर्माण के बारे में भी सोचने का आह्वान किया।