बाबरी मस्जिद मामला फिर गर्मा, असदुद्दीन ओवैसी ने दिए फिर ये भड़काऊ और विवादित बयान
AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी अपने भड़काऊ भाषण को लेकर आये दिन विवाद में रहते हैं. वह अक्सर कुछ ना कुछ ऐसा बोल देते हैं जिससे की सियासत गरमा जाती है. एक बार फिर ओवैसी ऐसा ही बयान देकर सुर्ख़ियों में आ गए हैं. इस बार उनका ये बयान अयोध्या के राम मंदिर के मुद्दे पर है.
क्या कहा ओवैसी ने :
एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपने बयान में कहा है कि “सिर्फ किसी मौलवी के कह देने पर मस्जिदों को किसी के हवाले नहीं किया जा सकता”. उन्होंने आगे कहा “मस्जिद किसी के बाप की रियासत नहीं है. सभी मस्जिदों का मालिक अल्लाह होता है. किसी मौलवी के कह देने पर हम इसको किसी के भी हवाले नहीं कर सकते”. रविवार के दिन शिया केंद्रीय वक्फ बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि अयोध्या में विवादित स्थल से उचित दूरी पर किसी भी मुस्लिम इलाके में मस्जिद का निर्माण करने में कोई दिक्कत नहीं है. इस हलफ़नामे के बाद ही ओवैसी का ट्वीट आया.
ओवैसी ने बोला कि “मस्जिदों की देख-रेख करने का हक सबको है. शिया, सुन्नी, सूफी, बरेलवी, देवबंदी, सलाफी, बोहरी कोई भी मस्जिद के देख-रेख कर सकते हैं. पर मस्जिद पर मालिकाना हक़ कोई भी नहीं जता सकता”. उन्होंने कहा की “सिर्फ अल्लाह ही मस्जिदों का मालिक है और उसी का मस्जिदों पर हक़ भी है”. आगे उन्होंने कहा कि “जिन लोगों को कयामत के दिन पर भरोसा होता है, मस्जिदें वही लोग बनाते हैं और सिर्फ अल्लाह से डरते हैं”. उन्होंने कहा की “हर मुसलमान का फ़र्ज़ होता है मस्जिद में नमाज़ पढ़ना. यह हिफाज़त है.”
क्या कहा था मौलवी ने :
हम आपको बता दें की ओवैसी के इस बयान से कुछ दिन पहले ही शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक ने एक बयान दिया था. बयान में उन्होंने कहा था कि “बाबरी मस्जिद पर कोर्ट का फैसला अगर मुसलामानों के हक़ में ना भी हो तो विवादित ज़मीन को ख़ुशी से हिंदुओं को सौंप देना चाहिए. हमें कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए आपस में अमन-और शांति बरक़रार रखनी चाहिए.” उन्होंने कहा की ज़मीन से ज़्यादा ज़रूरी है लोगों का दिल जीतना.