विशेष

जानिये आखिर क्यों भारत के साथ एक साथ आजाद होने के बावजूद पाकिस्तान 14 अगस्त को मनाता है जश्न

15 अगस्त (1947) की सुबह का सूरज भारत के लिए वास्तव में नया सवेरा लेकर आया था… और वो दिन हम भारतीयों के लिए इतिहास का स्वर्णिम दिन बन गया.. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत की आजादी के लिए ब्रिटिश शाषन ने 15 अगस्त का दिन ही क्यों चुना …अगर नही जानते हैं तो हम आपको इसकी वजह बता रहे हैं और साथ ही ये भी बताएंगे कि एक साथ आजाद होने व सत्ता हस्तान्तरण के बावजूद पाकिस्तान 14 अगस्त के दिन इसका जश्न क्यों मनाता है, पढ़िए हमारी स्वतन्त्रता दिवस पर इस विशेष रिपोर्ट को.

 

भारत के पहले गवर्नर जनरल, लुईस माउंटबेटन ने इस दिन को चुना था

हम भारतीयों के लिए इस दिन की महत्ता शायद शब्दो में बयां ना की जा सके पर आपको ये जानकर हैरानी हो सकती है कि माउंटबेटन जो उस समय (भारत की आजादी और विभाजन के समय)  देश के वायसराय थे, उन्हें इसके लिए कोई मशक्त नही करनी पङी। ब्रिटिश हुकूमत ने उन्हे भारत को दो मुल्कों में बांटने और सत्ता-हस्तांतरण का जिम्मा सौंपा था और उन्होनें बङी सहजता से भारत की आजादी के लिए 15 अगस्त की तारीख चुनी थी और लुईस माउंटबेटन बाद में भारत के पहले गवर्नर जनरल बने थे।

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान ने किया था इसी दिन समर्पण

लैरी कॉलिंग और डोमिनिक लैपियर ने अपनी किताब “फ्रीडम एट मिडनाइट” में माउंटबेटन द्वारा इस तारीख को चुनने की वजह बतायी है। किताब में माउंटबेटन कहते हैं, “ये दिन (15 अगस्ता) मैंने यूं ही चुन लिया था। ये मैंने एक सवाल के जवाब के तौर पर चुना था… मैं दिखाना चाहता था कि सब कुछ मेरे काबू में है। जब मुझे पूछा गया कि क्या कोई तारीख तय की गई है, तो मुझे पता था कि ये जल्दी होना चाहिए पर तब तक मैंने सब कुछ तय नहीं किया था लेकिन मुझे लगा कि ये अगस्त या सितंबर हो सकता है और फिर मैंने 15 अगस्त की तारीख तय कर दी। क्यों? ..क्योंकि ये जापान के आत्मसमर्पण की दूसरी बरसी थी?” । दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 15 अगस्त 1945 को जापान ने ब्रिटेन, अमेरिका और रूस इत्यादि देशों की एलाइज फोर्सेज के आगे आत्मसमर्पण किया था। जापान के राजा ने इस दिन एक रेडियो पर जापान के आत्मसमर्पण की घोषणा की थी।

पाकिस्तान को 14 अगस्त को आजादी कैसे मिली?

सच ये है कि पाकिस्तान को भी 15 अगस्त को ही आजादी मिली थी, इंडिया इंडिपेंडेंस बिल के अनुसार दोनों देशों की आजादी की तारीख 15 अगस्त ही थी। पाकिस्तान बनने के बाद मोहम्मद अली जिन्ना ने अपने पहले भाषण में कहा था, “15 अगस्त संपभ्रु और स्वतंत्र देश पाकिस्तान का जन्मदिवस है, ये दिन मुस्लिम मुल्क की नियति की तामीर का दिन जिसके लिए पिछले कुछ सालों में बड़ी कुर्बानियां दी गईं।”

लेकिन बाद में वहां आजादी का जश्न 14 अगस्त मनाया जाने लगा जिसके पीछे दो वजहें हैं.. पहला कराची में सत्ता-हस्तांतरण का कार्यक्रम 14 अगस्त 1947 को हुआ था, दूसरा कि 14 अगस्त 1947 को रमजान का 27वां दिन था जो मुसलमानों के लिए काफी पवित्र माना जाता है। ऐसे में पाकिस्तान ने अगले साल 1948 से 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाना शुरू कर दिया।

Back to top button