नौकरानी ने जिस घर में किया 13 साल काम वहीं बनी दुल्हन, धूमधाम से हुई शादी, देखें तस्वीरें
अधिकतर लोग घर की नौकरानी को कामवाली से ज्यादा कुछ नहीं समझते हैं। उसकी मदद करना तो दूर वह उससे जितना हो सके उतना अधिक काम लेने की कोशिश करते हैं। उससे कोई पर्सनल लगाव नहीं रखते हैं। उससे सिर्फ कामपुरता मतलब रहते हैं। लेकिन बिहार के पटना में एक परिवार ने अपने घर की नौकरानी को न सिर्फ अपना समझ पाला, बल्कि घर से बेटी की तरह दुल्हन बन विदा भी किया।
नौकरानी को बेटी बनाकर किया विदा
यह अनोखा मामला पटना के किदवईपुरी इलाके का है। यहां गुड़िया नाम की लड़की 13 साल पहले नौकरानी बनकर किदवईपुरी के आनंद कॉलोनी में रहने वाले सुनील सिंह के घर आई थी। तब उसकी उम्र 6-7 साल थी। सुनील बताते हैं कि गुड़िया के पिता बेरोजगार हैं। वह अक्सर गुड़िया और उनके भाई बहन की पिटाई किया करते थे। गुड़िया अपने सभी भाई बहनों में सबसे बड़ी है। ऐसे में परिवार की सारी जिम्मेदारी भी उसके सिर आ गई थी।
गुड़िया ने घर को आर्थिक रूप से सपोर्ट करने के लिए घर-घर जाकर काम करना शुरू किया। इस बीच उसकी मुलाकात सुनील सिंह से हुई। जब उसने सुनील के घर काम करना शुरू किया तो सबका दिल जीत लिया। वह बहुत ईमानदार थी। घर के सभी सदस्यों की हर जरूरत का ख्याल रखती थी। सुनील बताते हैं कि उन्हें कभी गुड़िया को डांटने की जरूरत नहीं पड़ी। न ही कोई सामान छिपाकर रखने की जरूरत पड़ी। वह सारे काम अच्छे से करती थी।
धूमधाम से की नौकरानी की शादी
जल्द सुनील और उनके परिवार को गुड़िया से अच्छा खासा लगाव हो गया। ऐसे में उन्होंने उसके सुनहरे भविष्य को ध्यान में रखते हुए अपने ही घर से उसके हाथ पीले कर दिए। सुनील सिंह ने गुड़िया को घर से बेटी की तरह धूमधाम से विदा किया। उसका कन्यादान भी किया। शादी का अच्छा खासा इंतजाम भी किया। मतलब वह सारे काम किए जो एक पिता अपनी बेटी के लिए करता है।
नौकरानी की शादी में सुनील सिंह ने सिर्फ अपने घर को ही नहीं बल्कि पूरे मोहल्ले को सजाया। सभी को स्वादिष्ट खाना भी खिलाया। एक नौकरानी के लिए इतना कुछ करने की वजह से उनकी समाज में बहुत तारीफ हो रही है। लोग सुनील से प्रेरणा लेकर लोगों को जरूरतमंदों के लिए ऐसी ही मदद करने की सलाह दे रहे हैं।
माँ बाप से ज्यादा अपने मालिक मालकिन को चाहती है गुड़िया
अपने मालिक सुनील सिंह का ये प्यार दुलार देख गुड़िया की आंखें भर आई। वह कहती है की मेरे असली माँ बाप से ये माता पिता ज्यादा अच्छे हैं। इन्होंने बचपन से ही मुझे ढेर सारा प्यार दिया। मैंने भले इनके यहां काम किया हो, लेकिन उन्होंने हमेशा मुझे एक बेटी की तरह प्रेम किया। और आज अपनी बेटी से पहले मेरा कन्यादान कर दिया।